Saturday, July 27, 2024

    मां से बिछड़े बेबी एलीफेंट का बुरा हाल, जंगल में हाथियों ने ठुकराया तो लौट आया इंसानों के पास, खाना भी छोड़ा

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    जशपुर: जंगल की दुनिया भी अनोखी है। जंगलों से अनोखी कहानियां भी सामने आती हैं। इंसनों की तरह जानवरों पर भी मुसीबत आती है। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक नन्हे हाथी (baby elephant news) का जीवन मुश्किल में घिर गया है। अपनों से बिछड़ कर वह दर्द से तड़प रहा है। खुद को अकेला पाकर खाना-पीना छोड़ दिया है। नन्हा हाथी अपनों के बिना जीवन यापन के लिए तड़प रहा है। दल से बिछड़ जाने के बाद हाथियों का दल इसे स्वीकार भी नहीं कर रहा है। ऐसे में वन विभाग के अधिकारी इसकी देखभाल कर रहे हैं लेकिन बेबी हाथी का मन नहीं लग रहा है।


    दरअसल, छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र की यह कहानी लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। दरअसल, हुआ यूं की हाथियों का एक दल इब नदी को पार कर रहा था। इसी दौरान हाथियों के दल से एक नन्हा हाथी बिछड़ गया और तेज बहाव में बह गया। इसे समडमा के ग्रामीणों ने सुरक्षित बचा लिया और बेबी एलीफेंट को ग्रामीणों ने तपकरा वन अमला को सौंप दिया। इसे पहले ग्राम पंचायत भवन में रखा गया और बिछड़े नन्हे हाथी को उसके दल से मिलाने की कोशिश की गई।

    वन विभाग की कोशिशें नाकाम
    वहीं, नन्हे हाथी को मां से मिलाने की कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं। हाथियों के दल ने बेबी एलीफेंट को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद हाथी का बच्चा वापस गांव लौट आया। इसके बाद वन विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वन विभाग की टीम लगातार नन्हे हाथी की परवरिश कर रहा है। एक बच्चे की तरह उसकी देखभाल की जा रही है।

    अगले दिन भी नन्हे हाथी को फिर से दल से मिलाने की कोशिश की गई है। दूसरे दिन भी वन विभाग को निराशा हाथ लगी। नन्हा हाथी लौटकर उसी समडमा गांव में ग्रामीणों के पास वापस पहुंच गया। हाथियों के दल से मिलाने के खातिर वन्य प्राणी विशेषज्ञ के साथ महावतों के टीम को बुलाया गया। दल से बिछड़े हुए हाथी के बच्चे को पेड़ के ढंगाल और पत्तियों से आवास तैयार कर उसमें रखा गया।

    विशेषज्ञों ने की जांच
    इस दौरान विशेषज्ञों की टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण किया है। मां से बिछड़ने के बाद नन्हा हाथी कमजोर हो गया है। फिलहाल बेबी एलीफेंट को छोड़कर 15 हाथी के दल जशपुर वन मंडल से निकलकर पड़ोसी राज्य झारखंड जा पहुंचा है। वन कर्मचारियों ने इस नन्हे हाथी को लवाकेरा वन विश्राम गृह में लाया है। हाथियों के व्यवहार को देखकर वन प्राणी विशेषज्ञ भी अचंभित है। फिलहाल वन विभाग बेबी एलीफेंट को अपने साथ लेकर गया है। डॉक्टरों का दल और महावतों की टीम इसकी देखरेख कर रहे हैं।

    शायद पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि हाथियों के किसी दल ने अपने नन्हे हाथी को छोड़ा है। अब वन विभाग इस कोशिश में लगा है कि बेबी एलीफेंट को हाथियों के किसी दूसरे दल में शामिल कराया जाए, जिससे उसकी स्वाभाविक तौर पर बेहतर परवरिश हो सके।
    सोमेश पटेल की रिपोर्ट

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