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शनिवार को प्रसपा प्रमुख यादव ने यहां डीपी यादव के साथ संयुक् त रूप से पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह सभी जानते हैं कि आजम साहब बड़े नेता हैं और उन् होंने विश्वविद्यालय बनाकर बड़ा काम किया लेकिन उन पर झूठे मुकदमे दर्ज किये गये, राजनीति में इतना घटिया स्तर पर नहीं जाना चाहिए।
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री आजम खान के मामलों को लेकर शिवपाल पहले भी सरकार पर निशाना साध चुके हैं और उनसे मिलने सीतापुर जेल भी गये थे।
आजम खान कुछ माह पूर्व उच् च् तम न् यायालय से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हुए हैं। शिवपाल सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी आजम खान के मामले को लेकर आंदोलन न करने का आरोप लगा चुके हैं।
समाजवादी पार्टी के साथ आने वाले लोकसभा चुनाव में गठबंधन के सवाल पर शिवपाल यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव से कोई गठबंधन नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि सपा के प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और निर्वाचित हुए, लेकिन चुनाव बाद चाचा-भतीजे में दूरियां बढ़ गई और राष्ट्रपति चुनाव के दौरान चाचा-भतीजा की राहें जुदा-जुदा हो गयी।
इसके पहले सपा से अलग होने के बाद 2018 में शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया था।
शिवपाल सिंह यादव ने पीएफआई (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) के सदस्यों पर हो रही कार्रवाई के सवाल पर कहा कि जो दोषी हों उन पर कार्रवाई हो, लेकिन निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जाति एवं वर्ग के नाम पर किसी को पीड़ित नहीं करना चाहिए। यादव ने कहा कि मदरसों की जांच करना सही नहीं है, यदि जांच करनी है तो सभी स्कूलों की भी कराएं, यह सब ठीक नहीं हो रहा।
डीपी यादव ने कहा कि यदुकुल (यादव समाज) पुनर्जागरण मिशन के तहत हम दोनों पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं, हम दोनों मिलकर तमाम लोगों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, सभी शोषित समाज को साथ लेने का हमारा प्रयास है और इस मिशन के तहत अभी पांच-छह बैठकें कर चुके है और प्रदेश के सभी जिलों में बैठक करेंगे।
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