गोमुखी सेवा धाम की पहल पर दिखाएंगे सामाजिक सरोकार
कोरबा। विकासखंड कोरबा के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगो के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल करने और उन्हें आरोग्यमय जीवन देने की कोशिश की जा रही है। राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर सहित 125 डॉक्टर की टीम दोपहरी और इसके आसपास के गांव में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी। 30 सीनियर डॉक्टर इनका मार्गदर्शन करेंगे।
गोमुखी सेवा धाम देवपहरी की पहल पर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने ग्रामीण क्षेत्र में अपने सामाजिक सरोकार दिखने सुनिश्चित किए हैं। राजधानी रायपुर से आज कोरबा पहुंचे डॉक्टर ने कुछ देर स्थानीय स्तर पर लोगों से संवाद किया और फिर उनकी टीम देवपहरी के लिए प्रस्थान कर गई।
बताया गया कि देवपहरी और इसके आसपास के 40 ग्रामों को आधार बनाते हुए सेवा कार्य करना तय किया गया है। राजधानी से पहुंचे डॉक्टर की टीम इन ग्रामों में कल से 3 दिन के लिए शिविर लगाएगी। डॉक्टर की टीम में हृदय रोग, त्वचा रोग, किडनी, गैस्ट्रिक, न्यूरो, मेडिसिन , सर्जरी और सामान्य चिकित्सा से संबंधित डॉक्टर शामिल हैं। इनमें से कुछ शोधार्थी भी हैं जो चिकित्सा के विभिन्न आयाम पर काम कर रहे हैं।
बताया कि डॉक्टर के संज्ञान में ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी कई समस्याएं आई हैं और वह इसे लेकर काफी समय से काम कर रहे हैं। इसलिए जब इन्हें कोरबा जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंचकर कैंप करने और लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ उन्हें आवश्यक परामर्श देने के लिए कहा गया तो वह सहर्ष तैयार हो गए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक डॉ विशाल उपाध्याय ने बताया कि चिकित्सको के प्रवास और उनके कैंप के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं गोमुखी सेवा धाम देवपहरी की ओर से गई है।
ग्रामीणों को उनकी चिकित्सा से संबंधित जरूरत पूरी करने के साथ उनकी चिताओं को दूर करना भी इस प्रयास का एक हिस्सा है। कोशिश की जा रही है कि अधिकतम ग्रामीणों को इस स्वास्थ्य सेवा से लाभान्वित किया जाए।
स्टेशन पर हुआ डॉक्टर टीम का स्वागत
लिंक एक्सप्रेस से आज सुबह कोरबा पहुंचने पर चिकित्सकों की टीम का उत्साहपूर्वक स्वागत सत्कार किया गया। ढोल नगाड़े की ध्वनि के साथ इस टीम की अगवानी की गई। स्टेशन के एंट्री पॉइंट के पास मातृशक्ति ने तिलक और पुष्प वर्षा करने के साथ उनका आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर संगठन से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की।





