कोरबा। मंगलवार शाम 7 :00 बजे एनटीपीसी आवासीय परिसर में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और एनटीपीसी के कुछ कर्मचारी मिल कर श्री राम दरबार लगाकर विधि विधान से पूजा अर्चना कर बीच सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ करते देखा गया जहां विगत दिनों पेड़ से टकराकर विभागीय डॉक्टर विशाल तिवारी का मौत हो गया था।
आपको बता दें कि एनटीपीसी में कार्यरत डॉक्टर विशाल तिवारी का कार विगत दिनों एनटीपीसी परिसर स्थित एक पेड़ से टकरा गई थी जिसमे वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे और चिकित्सालय पहुंच कर ईलाज करा पाते उससे पहले ही उनकी मौत हो गई थी। विभागीय डॉक्टर के मौत के बाद एनटीपीसी प्रबंधन की नींद खुली और प्रक्रिया पूरी करते हुए डीएफओ और एसडीएम से अनुमती लेकर पेड़ को जड़ सहित कटवा डाला ।नाम नहीं लिखने के शर्त पर बताया गया की जिस समय पेड़ को काटा जा रहा था उस समय पेड़ से रोने जैसा आवाज भी सुना गया।
आपको बता दें कि एनटीपीसी में कार्यरत डॉक्टर विशाल तिवारी का कार विगत दिनों एनटीपीसी परिसर स्थित एक पेड़ से टकरा गई थी जिसमे वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे और चिकित्सालय पहुंच कर ईलाज करा पाते उससे पहले ही उनकी मौत हो गई थी। विभागीय डॉक्टर के मौत के बाद एनटीपीसी प्रबंधन की नींद खुली और प्रक्रिया पूरी करते हुए डीएफओ और एसडीएम से अनुमती लेकर पेड़ को जड़ सहित कटवा डाला ।नाम नहीं लिखने के शर्त पर बताया गया की जिस समय पेड़ को काटा जा रहा था उस समय पेड़ से रोने जैसा आवाज भी सुना गया।
ऐसा नहीं है की इस पेड़ में पहली बार घटना हुआ हो इससे पहले भी अनेकों बार घटना घटित हुआ है और अनेक लोगों का हादसे में जान जा चुकी लेकिन तब एनटीपीसी प्रबंधन इस ओर ध्यान नही दिया अब विभागीय डॉ तिवारी के हादसे में मौत के बाद इस ओर ध्यान गया और पेड़ को कटवा कर जड़ सहित उखाड़ फेका गया।
वैसे तो एनटीपीसी प्रबंधन का कुछ अलग ही नियम है की आवासीय परिसर में कहीं भी हादसा होता है तो उस रास्ते पर अपना अड़ियल रवैया अपनाते हुए रास्ते में दीवार खड़ा कर देता है ये हम नही बल्कि उसके द्वारा इस तरह का शिव मंदिर के पास मछली चौक जमनीपाली बस्ती के प्रवेश द्वार पर किया गया कार्य बताता है। जहां क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित सामाजिक संगठन द्वारा एनटीपीसी प्रबंधन को पत्राचार उपरांत आंदोलन किया गया था।लेकिन अब तक प्रबंधन द्वारा इस पर कोई पहल नहीं किया है।जिससे अभी भी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
