उल्लास के प्रवेशिका निर्माण हेतु जुटे विशेषज्ञ
हर असाक्षर शिक्षार्थी के पास होगा अब उल्लास
रायपुर/ राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद तथा राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के उल्लास प्रवेशिका एवं स्वयंसेवी शिक्षकों के लिए छत्तीसगढ़ के सन्दर्भ में विकसित किए जाने हेतु तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन एससीईआरटी शंकर नगर रायपुर में किया गया। इस आयोजन में प्रतिभागी के रूप में प्राथमिक शाला से लेकर विश्वविद्यालय, एससीईआरटी,शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, डाइट के शिक्षा एवं साक्षरता के विशेषज्ञ व्यक्तियों सहित सम्मिलित हुए।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में ‘सबके लिए शिक्षा’ का प्रावधान किया गया है। इसी क्रम में ऐसे व्यक्ति जो किसी भी कारण से अक्षर व संख्या ज्ञान से वंचित रह गए है, उनको साक्षर करने के लिए उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान बुनियादी शिक्षा व्यावसायिक कौशल तथा शिक्षा के अलावा जीवन कौशल के अंतर्गत मतदान साक्षरता के महत्व पर उल्लास केंद्र में शिक्षार्थियों को अध्ययन कराया जाएगा। इसके अलावा डिजिटल साक्षरता कानूनी साक्षरता वित्तीय साक्षरता इत्यादि विषयों को भी शामिल किया गया है, उनके लिए पाठ्यपुस्तक के रूप में छत्तीसगढ़ के सन्दर्भ को ध्यान में रखते हुए परिवार व पड़ोस, बातचीत,हमारा रहन-सहन, हमारे आसपास, खानपान और सेहत, मतदान तथा क़ानूनी जानकारी आदि विषयों पर प्रवेशिका का निर्माण किया जा रहा है।
चिन्हांकित ग्राम पंचायतों के उल्लास केंद्र में प्रवेशिका के माध्यम से शिक्षार्थी बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान सहित दैनिक एवं व्यवहारिक जीवन में आने वाली शिक्षा सम्बन्धी मूलभूत जानकारी पा सकेंगे। इसके अलावा उनको बैंक एवं सायबर सुरक्षा की भी जानकारी प्रदान की जाएगी।
उल्लास के शिक्षार्थियों को नियमित रूप से उल्लास केंद्र में आने व ठहराव सुनिश्चित करने के लिए प्रवेशिका व मार्गदर्शिका में रोचक व आकर्षक गतिविधियों को सम्मिलित किया जा रहा है। ताकि रुचिपूर्ण तरीके से स्वयंसेवी शिक्षक शिक्षार्थियों में पाठ्यवस्तु की समझ को विकसित कर सकें।
एससीईआरटी एसएलएमए के संचालक राजेंद्र कुमार कटारा के मार्गदर्शन में अतिरिक्त संचालक जे. पी. रथ द्वारा कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। उन्होंने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि उल्लास को जन अभियान कैसे बनाए, इस दिशा में कार्य करना होगा। प्रवेशिका व मार्गदर्शिका निर्माण के समय ध्यान रखे कि पाठ्य सामग्री उल्लास के शिक्षार्थियों के अनुरूप हो क्योकि जो हमारा लक्षित समूह है वह समृध्द है लेकिन अक्षरों के ज्ञान से कमजोर है।
कार्यशाला में एसएलएमए के अस्सिसेंट डायरेक्टर व उल्लास के राज्य नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार पाण्डेय के द्वारा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के उद्देश्य सर्वेक्षण संरचना कार्यक्रम की रणनीति खास तौर पर आकांक्षी जिलों व कम साक्षरता दर वाले जिलों के संबंध में विशेष कार्य योजना मतदान साक्षरता बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान तथा डिजिटल साक्षरता साइबर सुरक्षा इत्यादि पर विशेष जोर दिया गया। एससीएल के प्रकोष्ठ प्रभारी डेकेश्वर प्रसाद वर्मा ने उल्लास कार्यक्रम के अकादमिक पहलुओं पर जानकारी साझा की। एससीईआरटी के सहायक प्राध्यापक सुशील राठौर के द्वारा प्रवेशिका व मार्गदर्शिका निर्माण के तकनीकी पहलुओं के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान की गई। रूम-टू-रीड के प्रोग्राम आफिसर प्रदीप सिंह के द्वारा बाल मनोविज्ञान व प्रौढ़ मनोविज्ञान के मध्य अंतर को समझाया गया। कालेज की सहायक प्राध्यापक सुश्री धारा यादव के द्वारा उल्लास केंद्र के सुव्यवस्थित संचालन की जानकारी दी गई। प्रतिभागियों को इकाईवार सात समूहों में विभाजित कर प्रवेशिका निर्माण का कार्य दिया गया। जिसे सभी समूहों के द्वारा गतिविधि आधारित प्रस्तुतीकरण किया गया।
समूहों में परिवार व पड़ोस विषय पर लोकेश कुमार वर्मा, बातचीत पर सुश्री भावना बैरागी, हमारा रहन-सहन सुश्री प्रीति देशपांडे, सुश्री बबीता गिरी हमारे आसपास सुमन साहू व विजय सिंह, मतदान पर चंचल देवांगन तथा क़ानूनी जानकारी पर सहायक प्राध्यापक अमितेश सिंह, खानपान और सेहत पर सुश्री अंकिता तिवारी, राजेश चंद्रवंशी व सुश्री दुर्गा सिन्हा द्वारा रोल प्ले के माध्यम से प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यशाला में राज्य साक्षरता केंद्र की सलाहकार समिति के सदस्य नर्मदा मिश्रा हेमंत साव, सुश्री पुष्पा चंद्रा, डॉ जयभारती चंद्राकर सहित विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे।