एमसीबी/31 मई 2024/ हर वर्ष ‘नो वर्ल्ड टोबैको डे’ यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई को मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य तंबाकू के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य खतरों के बारे में जागरूकता फैलाना और सरकारों को तंबाकू की खपत को कम करने के लिए नीतियां अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1987 में इस दिवस की शुरुआत की थी। तब से यह विश्व तंबाकू निषेध दिवस दुनिया भर में तंबाकू के कारण होने वाले हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है।
यह ’विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ की शुरुआत 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया था। जिसका मुख्य उद्देश्य तंबाकू महामारी और इससे होने वाले नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना था। 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहली बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने के लिए पहले 7 अप्रैल को चुना गया था, लेकिन 1989 से इसे बदलकर 31 मई कर दिया गया। तब से इसी दिन मनाया जाने लगा। हर साल इस दिवस की एक थीम होती है, जो तंबाकू नियंत्रण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है। इस पहल का लक्ष्य लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करना और तंबाकू उद्योग के प्रभाव को कम करना रहता है।
इस साल 2024 में “नो वर्ल्ड टोबैको डे“ का थीम ÞProtecting children from tobacco industry interference** है, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को तंबाकू से बचाना और आने वाली पीढ़ी की इससे रक्षा करना है । सेहत के लिए तंबाकू कितना नुकसानदायक है ये सभी जानते हैं, इसके बावजूद लोग गुटखा, सिग्रेट, बीड़ी, सिगार, चिलम आदि का सेवन करने से बाज नहीं आ रहे हैं, जिसके चलते लोगों के शरीर में कई प्रकार की गंभीर बीमारी हो जाती है, ऐसे में लोगों को जागरूक करने और तंबाकू छुड़ाने और कभी हाथ न लगाने के लिए हर साल तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है ।
तंबाकू का सेवन करने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। इसका सबसे प्रमुख और खतरनाक प्रभाव कैंसर के रूप में देखा जाता है। तंबाकू का उपयोग फेफड़े, मुंह, गले, अग्न्याशय, किडनी और ब्लैडर के कैंसर का प्रमुख कारण है। इसके अलावा, तंबाकू हृदय रोग, स्ट्रोक, और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसी बीमारी भी इसका मुख्य कारण है। तंबाकू का धुआं अस्थमा को बढ़ा सकता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता को कम कर सकता है।
तंबाकू के सेवन से निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं जैसेः- फेफड़ों के रोग, हृदय रोग, कैंसर, प्रजनन स्वास्थ्य, दंत स्वास्थ्य, मसूड़ों की बीमारियों, दांतों के गिरने और मुंह के कैंसर जैसे खतरा बढ़ सकता है। तंबाकू के सेवन से बचने के लिए कई उपाय अपनाए जा सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण कदम यह है की तंबाकू के उपयोग से लोगों को पूरी तरह से बचना चाहिए। तंबाकू के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और शिक्षित करना महत्वपूर्ण है। स्कूलों, कॉलेजों, और विभिन्न समुदायों में तंबाकू विरोधी कार्यक्रम आयोजित करना बहुत जरूरी है। तंबाकू छोड़ने के लिए डॉक्टरों से परामर्श और सहायता लेना जरूरी है। अगर आप निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी, जैसे निकोटीन गम जैसे दवाओं का उपयोग कर सकते है।
हमे विभिन्न समुदायों के बीच में जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही अपने परिवार के साथ, अपने मित्रों के साथ मिलकर तंबाकू छोड़ने को लेकर लोगों को प्रेरित करते रहें। इसके साथ ही व्यायाम, योग, और ध्यान जैसी स्वस्थ आदतें अपनाने से तंबाकू की लत को कम करने में मदद मिल सकती है। तंबाकू को बैन करने के लिए सरकार को सबसे पहले तो बड़े छोटे सभी प्रकार के विज्ञापन पर सख्त प्रतिबंध लगाने चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित करना और तंबाकू उत्पादों पर उच्च कर लगाना चाहिए ताकि तंबाकू पूरी तरह से बैन हो सके ताकि लोग तंबाकू जैसे जहरीली चीज को छोड़ सकें।
तंबाकू छोड़ने से कई प्रमुख लाभ मिल सकता हैं जैसेः- फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार, हृदय स्वास्थ्य में सुधार, कैंसर का खतरा कम होना एवं लोगों के जीवन में सुधार हो सकता है, तंबाकू के बंद होने पर खर्च होने वाले पैसो की बचत होती है, जिससे लोगों के आर्थिक जीवन की स्थिति में सुधार होगा ।
इस विश्व तंबाकू निषेध दिवस में हमें तंबाकू के सेवन और उससे होने वाले गंभीर खतरों के प्रति जागरूक करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। तंबाकू से जुड़े स्वास्थ्य खतरों को समझना और इससे बचने के उपायों को अपनाना आवश्यक है। व्यक्तिगत प्रयासों के साथ-साथ सरकारी नीतियाँ और समुदाय के समर्थन से तंबाकू नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्वस्थ और तंबाकू-मुक्त जीवन जीने के लिए जागरूकता, शिक्षा, और सक्रिय प्रयासों की आवश्यकता है। तंबाकू छोड़ने से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय वृद्धि होती है।