धान के समर्थन मूल्य 3100 रूपये प्रति क्विंटल से खुश हैं किसान
मेहनत की कमाई का मिल रहा है पूरा दाम
कोरबा 05 दिसंबर 2024। करीब छह माह तक दिन रात एक करके मेरे परिवार ने खेतों में मेहनत कर धान की फसल उगाई है। फसल अब पक कर तैयार है जिसे बेचने के लिए धान उपार्जन केंद्र में लाए हैं। धान का समर्थन मूल्य 3100 रूपये प्रति क्विंटल मिल रहा है। इसके साथ ही धान विक्रय की प्रक्रिया बहुत सरल है। मेरे परिवार की मेहनत का पूरा दाम मिलने से मैं अपने परिवार सहित बहुत खुश हूं। यह कहना है जनपद पंचायत कोरबा के ग्राम करूंमौहा के किसान महेत्तरराम का।
बुधवार को धान उपार्जन केंद्र दादर में धान बेचने आए किसान महेत्तरराम ने बताया कि विष्णु देव सरकार ने धान बेचने की प्रक्रिया बहुत सरल बना दी है। धान विक्रय के लिए घर बैठे एंड्रॉयड ऐप टोकन तुहंर हाथ के माध्यम से टोकन मिल जाता है और टोकन के द्वारा अपनी सहूलियत अनुसार धान उपार्जन केंद्र पर धान विक्रय की जा सकती है। किसान ने भी 26 नवंबर को मोबाइल के माध्यम से टोकन लिया था जिसके आधार पर वह बुधवार को धान बेचने उपार्जन केंद्र दादर पहुंचे। उन्होंने बताया कि धान उपार्जन केंद्र पर तुरंत ही धान तौलाई की जा रही है। इसके साथ ही बारदाना भी उपलब्ध है जिससे समय की बचत हो रही है। महेत्तरराम ने बताया कि किसान हितैषी सरकार के द्वारा एक एकड़ में 21 क्विंटल के मान से 3100 रूपये प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य मिल रहा है। मेरे परिवार जन की मेहनत का सही दाम मिलने से मैं उत्साहित हूं। उन्होंने बताया कि मैने आज 100 क्विंटल धान बेचा है और 150 क्विंटल धान खलिहान में रखा है जिसे शीघ्र ही वह धान उपार्जन केंद्र विक्रय को लायेंगे।
किसान ने बताया कि उसके परिवार में 3 पुत्र, 2 बहुएं सहित 6 लोगो का परिवार है। उनके पास 18 एकड़ कृषि जमीन है जिसमें उनका परिवार तन मन धन से समर्पित हो कर खरीफ़ के मौसम में धान की फसल उगाते हैं । इस बार धान की पैदावार अच्छी हुई है,अभी करीब 50 क्विंटल से ज्यादा धान की कटाई होना शेष है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में वह और धान विक्रय हेतु केंद्र पर लायेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र पर किसानों को अपनी उपज सही समय पर बेचने में सहुलियत हो रही है। किसान महेत्तरराम ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को शीघ्रता से भुगतान के लिए उचित प्रबंधन करते हुए भुगतान की त्वरित व्यवस्था की गई है। जिससे किसान बिना किसी तनाव के अपनी फसल बेच पा रहे हैं। सरकार की इस प्रकार की नीतियां और कदम अन्नदाताओं को आर्थिक सुरक्षा और समर्थन का एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं। किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलने से निश्चित ही उनका मनोबल बढ़ता है। मेरे परिवार के सदस्यों की मेहनत का सही दाम मिल रहा है जिससे मेरा परिवार बहुत खुश है।