Saturday, April 19, 2025

        सराफा व्यापारी हत्या का मास्टर माइंड सूरज को मुम्बई से किया गया गिरफ्तार

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          पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के मार्गदर्शन में पूरी तरह सुलझ गया हत्याकाण्ड

          कोरबा। सराफा कारोबारी अमृता ज्वेलर्स एसएस प्लाजा के संचालक लालूराम कालोनी निवासी गोपाल राय सोनी की नृशंस हत्या कांड में फरार मास्टर माइंड आरोपी सूरज पुरी गोस्वामी को मुम्बई से गिरफ्तार कर लिया गया।
          थाना सिविल लाईन में दर्ज अपराध कमांक 12/2025 धारा 103 (1), 307, 309(4), 332 (क), 333 बी.एन.एस के प्रकरण में 02 अभियुक्तों आकाश पुरी गोस्वामी एवं मोहन मिंज को दिनांक 12 जनवरी 2025 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया जबकि घटना का मास्टर माइंड सूरज पुरी गोस्वामी पिता जगदीश पुरी गोस्वामी उम्र 28 वर्ष निवासी मकान नं 107, कुआभट्ठा फरार हो गया था। फरार आरोपी की पतासाजी के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें लगी थीं। पुलिस को विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई कि वह पकड़े जाने के डर से मुम्बई भाग गया है। इस सूचना पर मुम्बई पुलिस के क्राइम ब्रांच से मदद लेकर निरीक्षक युवराज तिवारी थाना प्रभारी उरगा, उप निरीक्षक प्रेमचंद साहू थाना प्रभारी दीपका के नेतृत्व में टीम ने मुम्बई जाकर आरोपी सूरज पुरी गोस्वामी को गिरफ्तार किया।
          वह इस मामले के आरोपी मोहन मिंज के मुंबई में रह रहे भाई के पास कमाने-खाने के बहाने अपराध को छिपाकर व छिपकर रहने की मंशा से गया था। उसकी चालाकी काम न आई और तकनीकी मदद से दबोच लिया गया। आरोपी को तृतीय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, पनवेल मुम्बई के समक्ष प्रस्तुत कर दिनांक 15 जनवरी 2025 तक की अवधि के ट्रांजिट रिमांड पर कोरबा लाया गया। उसे कोरबा के संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत कर पुलिस रिमांड में प्राप्त कर घटना में प्रयुक्त आलाजरब एवं घटना से संबंधित वस्तुओं आदि की जप्ती की जानी है।


          आर्थिक स्थिति खराब थी

          सूरज पुरी गोस्वामी ने पूछताछ में बताया कि इसकी तथा इसके भाई आकाश पुरी की आर्थिक स्थिति खराब थी। कहीं काम नहीं मिल रहा था। आकाश पुरी जो कि सराफा व्यापारी गोपाल राय सोनी के यहां वर्तमान में कार चालक था, उसने नयी बुलेट खरीदी थी जिसकी किश्त भी नहीं पटा पा रहा था। इन सब आर्थिक तंगी के कारण लूटपाट की योजना बनाई और वारदात करते समय पहचान लिये जाने के कारण गोपाल राय सोनी की हत्या कर देना सूरज ने बताया। सूरज भी पहले गोपाल राय का कार चालक था व करीब डेढ़ माह काम करने के बाद नौकरी छोड़ दिया। इसके बाद आकाश वहां काम करने लगा। दोनों भाई गोपाल राय और उनके घर-परिवार की गतिविधियों से वाकिफ थे इसलिये बड़ी चालाकी से घटना की अंजाम दिया। इनकी नीयत सेठ के सूटकेश से दुकान की सिर्फ चाबी चुराने की थी ताकि दुकान से जेवरात चुरा सकें। 5 जनवरी को इसी नीयत से घर में घुसे थे लेकिन कमरे में गोपाल राय द्वारा सूरज को देख लेने से पहचान लिए जाने के कारण उसने अपने पास रखे धारदार चाकू से ताबड़तोड़ वार कर किया और फिर मोहन व सूरज कार लेकर भाग निकले। आकाश चालाकी पूर्वक सबके सामने नजर आता रहा लेकिन अपराधियों के छोड़े गए सुराग, खोजी डॉग बाघा के द्वारा दिखाई गई राह,CCTV फुटेज,सायबर टीम तकनीकी जानकारी, अच्छी मुखबिरी और आम सहयोग ने कड़ी-दर-कड़ी पिरोकर बेस्ट टीम को गुनाहगारों तक पहुंचा ही दिया।

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