हंसराज के तुमसे लगी लगन मेरे शंकरा…, मेरा भोला है भंडारी…, शिव कैलाश जैसे ओजस्वी प्रस्तुति ने दर्शकों को किया झूमने पर मजबूर
गरियाबंद। राजिम कुंभ कल्प के दसवें दिन सुप्रसिद्ध गायक बाबा हंसराज रघुवंशी ने राजिम कुंभ कल्प मेला के सांस्कृतिक मंच पर अलग ही जान डाल दी। बाबा हंसराज रघुवंशी के ओजस्वी प्रस्तुति ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। मंच पर सुरमयी गीतों एवं भजनों के साथ संगीत के मिश्रण ने ऐसा रंग जमाया की कुछ समय के लिए श्रोतागण संगीत के सुरमयी धारा में बाबा हंसराज रघुवंशी के साथ हो लिए।
बाबा हंसराज रघुवंशी के भोले शंकर.. शिव शंभू से ओतप्रोत भक्तिमय गीतों के सुरों में लोग झूम उठे। जय शिव शंभू.., राधे राधे…, शिव समा रहे मुझमें.., लगी तो तुमसे लगन मेरे शंकरा…, मेरा भोला है भंडारी…, शिव कैलाश के वासी…, महाकुंभ में डुबकी लगा…, महादेव मिल जाएंगे…, हम भोले के हैं भक्त…, अयोध्या आएं है प्यारे राम…, भोले बाबा तेरी क्या बात हैं…, पार्वती बोली शंभू से…, महादेव तेरी डमरू डम -डम -बाजे…, जैसे मनभावन भक्ति गीतों से लोगों का मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी भक्तिमय गीतों ने भगवान शंकर के प्रति आस्था एवं समर्पण से अवगत कराया। शुक्रवार को बाबा हंसराज ने अपने भजनों से ऐसा समा बंधा कि लोग नाचते, गाते और झुमते हुए दिखे। छोटे बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग तक उनके भजनों में झूमने नाचने लगे। हंसराज की एक झलक पाने और उनको सुनने जन सैलाब उमड़ पड़ा। मंच से सामने दर्शकों की ऐसी भीड़ थी कि पैर रखने के लिए जगह नहीं बची थी।
सांस्कृतिक मंच में कामीन टोण्डरे की टीम ने पंथी नृत्य के माध्यम से संत गुरू घासीदास के संदेशो को श्रोताओं तक पहुंचाया और मनुष्य के जीवन में अध्यात्मिक, निर्गुण भक्ति के प्रभाव को बताया। जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। नंदकुमार साहू की टीम ने राजकीय गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की। राजीव लोचन को प्रणाम करते हुए सुमधुर भजन तोर घर बेटा बिराजै…, लल्ला बेटा राजा मइया…, गोकुल जावत है…, कृष्ण लीला की झांकी व कृष्ण भगवान की बाल लीला की बहुत सुंदर प्रस्तुति दी। लोकेश्वर वर्मा की टीम ने जसगीत में भक्तिमय प्रस्तुति दी। ललित यादव की टीम ने भजन संध्या से अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी। शिवनंदन चक्रधारी की टीम ने मानस गान में राम भक्त हनुमान के भक्ति की व्याख्या की। धन्नू लाल साहू की टीम लोक कला मंच ने छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपरा को मंच पर बिखेरा। साधेलाल रात्रे की टीम ने पंथी नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गीत से ताल मिलाते हुए एक साथ तय बरत रहिबे बाबा… पर नृत्य किया। बिलासपुर की आंचल पाण्डेय ने नृत्य नाटिका के माध्यम से भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की जीवंत प्रस्तुति दी। आरती सिंह ने मनमोहक भाव भंगिमा के साथ कत्थक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। देवी भूमिका की टीम ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी। व्यास नाथ योगी ने चंदैनी एवं आनंद निषाद की लोक कला मंच ने शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को अंत तक बांधे रखा।