मानवाधिकार और राष्ट्र निर्माण की दिशा में नई उम्मीद का चेहरा
रायपुर। सामाजिक न्याय, मानवाधिकार संरक्षण और राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्यरत अग्रणी संगठन नरेंद्र मोदी विचार मंच छत्तीसगढ़ (प्रकोष्ठ – विश्व मानवाधिकार सुरक्षा मंच) ने संगठन विस्तार की एक महत्वपूर्ण कड़ी जोड़ते हुए अभिषेक तिवारी को जिला गोरेला-पेंड्रा-मरवाही का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस नियुक्ति की घोषणा प्रदेश अध्यक्ष सुश्री पदमा चंद्राकर एवं प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. कुंदन शर्मा ने संयुक्त रूप से की।
प्रदेश नेतृत्व ने कहा कि श्री तिवारी संगठन के नियमों और लक्ष्यों के अनुरूप अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए पद की गरिमा और नैतिकता को बनाए रखेंगे। वे न केवल स्थानीय स्तर पर समाज को सशक्त करेंगे बल्कि विश्व मानवधिकार सुरक्षा मंच की विचारधारा और मूल्यों को आम जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पदमा चंद्राकर ने कहा “अभिषेक तिवारी जैसे ऊर्जावान और समर्पित युवा के हाथों में संगठन का नेतृत्व सौंपना छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है। उनकी प्रतिबद्धता समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने और मानवाधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित करेगी।”
प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. कुंदन शर्मा ने नियुक्ति को रणनीतिक और ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा “यह कदम आने वाली पीढ़ी के नेतृत्व निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। अभिषेक तिवारी की भागीदारी से संगठन में नई ऊर्जा और सृजनात्मकता का संचार होगा।”
नवनियुक्त जिला अध्यक्ष अभिषेक तिवारी ने संगठन नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा कि वे समाज के युवाओं को राष्ट्र निर्माण की मुख्यधारा से जोड़ने, मानवाधिकार संरक्षण को गांव-गांव तक पहुंचाने और संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सतत कार्यरत रहेंगे। उन्होंने संकल्प दोहराया कि वे हमेशा पद की प्रतिष्ठा और अनुशासन को सर्वोपरि रखते हुए समाज और संगठन दोनों का गौरव बढ़ाएंगे।
नरेंद्र मोदी विचार मंच छत्तीसगढ़ और विश्व मानवधिकार सुरक्षा मंच मिलकर छत्तीसगढ़ के सामाजिक परिदृश्य को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। इस नियुक्ति से संगठन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि उसका उद्देश्य केवल नेतृत्व परिवर्तन नहीं, बल्कि नए विचारों, नैतिक मूल्यों और वैश्विक मानवाधिकार सिद्धांतों के साथ आगे बढ़ना है।
यह नियुक्ति जिले के लोकतांत्रिक ढांचे और समाजिक सहभागिता की शक्ति को दर्शाती है, जो आने वाले समय में सशक्त भारत सशक्त समाज की परिकल्पना को और मजबूत करेगी।