गरियाबंद। जिले में इस वर्ष समय पर अच्छी वर्षा होने से धान एवं अन्य फसलों की बोनी जोरों से चल रही है। जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद एवं बीज उपलब्ध है। कृषि विभाग के उप संचालक संदीप भोई ने बताया कि जिले के सहकारी समितियों में सहकारी समितियों में 24 हजार 575 क्विंटल धान, 6.40 क्विंटल रागी (मड़िया), 28.80 क्विंटल कोदो सहित अन्य बीज पर्याप्त मात्रा में भण्डारण किया गया है। जिसमें से अब तक 18 हजार 694 क्विंटल धान बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है। सभी सहकारी समितियों में धान बीज के साथ-साथ अन्य फसलों के बीज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने किसान भाईयों को अपील की है कि वे अधिक उत्पादन के लिए खेतों में प्रमाणित बीज अथवा अधिकृत स्त्रोत से प्राप्त बीज का ही उपयोग करें।
इसी प्रकार सहकारी समितियों में यूरिया 10 हजार 346 मीट्रिक टन, सुपर फास्फेट 2017, डी.ए.पी. 8317, पोटाश 1041, एन.पी.के. 1176 मीट्रिक टन इस प्रकार कुल 22 हजार 897 मीट्रिक टन उर्वरक का भण्डारण किया गया है, जिसमें से 15 हजार 680 मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण हो चुका है। वर्तमान में सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। उन्होंने किसानों को कहा है कि उर्वरकों की कमी की समस्या से बचने के लिए किसान भाई उर्वरक का उठाव अपने नजदीकी सहकारी समिति के माध्यम से शीघ्र करें। वर्मी कम्पोस्ट खाद का वितरण सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों को किया जा रहा है। वर्मी कम्पोस्ट में 0.51 से 1.61 प्रतिशत नाइट्रोजन, 0.19 से 1.02 प्रतिशत फास्फोरस, 0.15 से 0.73 प्रतिशत पोटाश तथा 9.8 से 13.4 प्रतिशत ऑर्गनिक कार्बन पाया जाता है। वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से मृदा स्वास्थ्य में सुधार, जलधारण क्षमता में वृद्धि, उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ फसलों को अन्य पोषक तत्व उपलब्ध होता है तथा फसलों की पैदावार के साथ साथ गुणवत्ता को बढ़ाता है। कृषि एक समसामयिक कार्य है, समय पर बोनी/कृषि कार्य करने से फसलों का वानस्पतिक वृद्धि ठीक रहता है तथा कीट एवं बिमारियों का प्रकोप कम रहता है, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होती है। कृषि संबंधी समसामयिक सलाह के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा निकटस्थ कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।