Sunday, June 1, 2025

        मनरेगा से पशुपालन को मिला नया आधार, रामनारायण बने आत्मनिर्भरता की मिसाल

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          पक्का पशु शेड बना आर्थिक सशक्तिकरण का जरिया

          जांजगीर-चांपा 30 मई 2025/ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ने ग्राम नवगवां के किसान रामनारायण साहू की ज़िंदगी में नई उम्मीद की किरण जगाई है। पशुपालन से जीवनयापन कर रहे श्री साहू को मनरेगा के अंतर्गत व्यक्तिगत हितग्राही कार्य के रूप में पक्का पशु शेड का निर्माण कराया गया, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और पशुओं की देखरेख भी बेहतर हो पाई है।

          जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत नवगवां के श्री रामनारायण साहू के पास कुल 18 भैंसे हैं, जिन्हें पहले कच्चे शेड में रखना पड़ता था। वर्षा व ग्रीष्म ऋतु में जानवर बीमार पड़ते थे, जिससे दूध उत्पादन प्रभावित होता था। उन्होंने ग्राम पंचायत से पक्का शेड निर्माण की मांग की, जिसे ग्राम पंचायत से मंज़ूरी मिलने के बाद जनपद पंचायत से जिला पंचायत प्रशासकीय स्वीकृति के लिए भेजा गया। जिला पंचायत से 76 हजार 122 रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति से निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। जिस कार्य में मनरेगा के श्रमिकों ने काम करते हुए 37 मानव दिवस का सृजित किया। पशु शेड का निर्माण होने के बाद अब पशु स्वस्थ रहते हैं, रामनारायण बताते हैं कि पशुओं के लिए बेहतर शेड मिलने से अब प्रतिदिन 20 लीटर दूध उत्पादन हो रहा है। प्रतिदिन 10 लीटर दूध बेचकर श्री साहू 12,000 रूपए मासिक आमदनी अर्जित कर रहे हैं। इसके साथ उन्हें दूध से 2 किलो खोवा बनाकर 7 हजार 500 मासिक अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है। प्रतिदिन प्राप्त गोबर का उपयोग खाद के रूप में फसलों में करने से उन्हें बाहर से ज्यादा खाद नहीं खरीदनी पड़ रही है तो दूसरी ओर गोबर से कंडे का उपयोग ईंधन के रूप में किया जा रहा है। श्री साहू ने बताया कि अब पशुओं को बारिश और धूप से राहत मिली है। वे कम बीमार होते हैं और दूध उत्पादन पहले से अधिक है। इस आमदनी से पशुओं के लिए चारा खरीदता हूँ और घरेलू खर्च भी सहज हो पाया है।

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