Tuesday, April 15, 2025

          छत्तीसगढ़ में भालू से हैवानियत,10 हजार का ईनाम आरोपियों पर रखा गया

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          सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा वन मंडल के जंगल इलाके से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। एक भालू को पकड़कर ग्रामीण उस पर बड़ी बेरहमी से अत्याचार कर रहे हैं और भालू का करुण क्रंदन भी सुनने को मिल रहा है। बेजुबान के साथ इस प्रकार का अत्याचार की हर कोई निंदा कर रहा है। यह हैवानियत करने वालों को पकड़ने के लिए विभाग ने 10,000 का इनाम घोषित किया है।
          जारी पत्र अनुसार दिनांक 11.04.2025 को व्हाटसॉप के माध्यम से वन्यप्राणी भालू को कुछ ग्रामीणों के द्वारा पकड़कर प्रताड़ित किये जाने का वीडियो प्रकाश में आया है, जिस पर वनमण्डलाधिकारी सुकमा के निर्देशानुसार सुकमा वनमण्डल के समस्त परिक्षेत्रों में इसकी पतासाजी करने हेतु निर्देश दिये गये हैं। दिये गये निर्देशानुसार प्रथम दृष्टया सुकमा परिक्षेत्र के केरलापाल परिसर का होना बताया गया ।

          त्वरित कार्यावाही करते हुए उप वनमण्डलाधिकारी दोरनापाल एवं परिक्षेत्र अधिकारी सुकमा के द्वारा टीम गठित कर पतासाजी हेतु केरलापाल एवं उसके आस-पास के ग्रामीणों से पुछताछ की गई एवं इसकी सूचना देने वाले व्यक्ति को 10,000/- (रू.दस हजार) का नगद इनाम देने की घोषणा किया गया है, तथा पता बताने वाले व्यक्ति का नाम गोपनीय रखे जाने की बात ग्रामीणों को दिया गया है।
          उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी परिक्षेत्र अधिकारी को परिक्षेत्र स्तर पर एक टीम गठित करते हुए सभी ग्रामों में मुनादी कराकर दो दिवस के भीतर अपराधियों को पकड़ने हेतु कार्यवाही करने के निर्देश दिया गया है।

          ऐसे लोगों को कठोर से कठोर सजा होनी चाहिए: सारथी

          कोरबा के वन्य जीव प्रेमी व रेस्क्यूअर जितेन्द्र सारथी कहते हैं कि इंसान इतना कठोर कैसे हो गया हैं, कि किसी बेजुबान का दर्द दिखाई नहीं देता, उसका भी अपना कोई है जो ये देख रहा है, फिर भला हम उनसे कैसे ये उम्मीद करें कि वो हमें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। इंसान ये भूल गया है कि जंगल बेजुबान जानवरों का है, उनके घरों को आप उजाड़ कर अपना घर बना रहे और वही जानवर जब अपने घर में यहां-वहां घूमता है तो आप ये बोल कर मार देते हैं कि मेरा घर-परिवार मेरे बच्चे पर हमला कर देगा। अरे मूर्ख इंसानों, तुम उनके घर में अपना घर बनाए हो, सच मायने में इंसान जानवर बन गया है। अब भी समय है, जंगल और जानवरों के महत्व को समझो, उनकी करुण पुकार उनका दर्द ऐसे ही खाली नहीं जाएगा।

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