Friday, September 20, 2024

        शहर सहित उप नगरीय क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया छत्तीसगढ़ का पारंपरिक पर्व हलषष्ठी

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        कोरबा । शहर के साथ-साथ उप नगरीय क्षेत्रों में हलषष्ठी (कमरछठ) का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया इस दौरान महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु की कामना करते हुए व्रत रखी। पर्व को लेकर महिलाओं में बड़ी उत्साह रहा । व्रत के पूर्व महिलाओं ने हाथों में मेहंदी के साथ सोलह श्रृंगार कर संतान सुख प्राप्ति और दीर्घायु के लिए हलपष्ठी माता विशेष पूजा अर्चना किए

        इस दिन व्रती महिलाएं पसहर चावल शेवन किये यह चावल बिना हल से जुताई किए उत्पादन किया जाता है।संतान प्राप्ति व उनके दीर्घायु सुखमय जीवन की कामना के लिए माताएं इस व्रत को रखती हैं। माताएं सुब इस दिन महुआ पेड़ की डाली से दातून कर स्नान किये । व्रत के दौरान महिलाएं भैंस दूध की चाय पीती हैं. गली मोहल्ले में बनावटी तालाब (सगरी) बनाकर जल भरकर पूजा-अर्चना की, मिट्टी के बनाए खिलौने अर्पित की वही भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष का छठवां दिन, छह प्रकार की भाजी, छह प्रकार के खिलौने, छह प्रकार के अन्न वाला प्रसाद एवं छह कहानी की कथा का संयोग है। पसहर चावल का भात, छह प्रकार की भाजी, जिसमें मुनगा, कद्दू, सेमी, तरोई, करेला, मिर्च के साथ भैंस दूध, दही व घी, सेंधा नमक, महुआ के पत्ते का दोना आदि का उपयोग किये जाते है ।

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