Thursday, November 21, 2024

        प्रशासन की तत्परता से रुकी बाल विवाह

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        गरियाबंद 01 फरवरी 2024। जिले के गरियाबंद विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम छिन्दौला में बाल विवाह की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पाण्डेय के मार्गदर्शन पर रोक लगाई गई। उल्लेखनीय है कि विगत 31 जनवरी 2024 को जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम द्वारा घटनास्थल पर पहुंच कर बालिका की आयु स्कूल दाखिला के आधार पर आयु सत्यापन किया गया। जिसमें बालिका की आयु 16 वर्ष 04 माह होना पाया गया। बालिक की सगाई एक सप्ताह पूर्व हुआ था एवं विवाह तिथि तय नहीं किया गया था। जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम के अधिकारियों ने बताया कि विवाह के लिये बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बालिका की आयु 18 वर्ष एवं लड़के की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना अनिवार्य है। निर्धारित आयु से कम आयु में महिला/पुरूष का विवाह करने या करवाने की स्थिति में सम्मिलित व सहयोगी सभी लोग अपराध की श्रेणी में आते है। जिन्हें 02 वर्ष तक का कठोर कारावास एवं 01 लाख रुपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम द्वारा अग्रिम कार्यवाही करते हुए बालक के माता-पिता व परिवार वालों एवं ग्रामीण जनों को समझाईश दिया गया कि बालिका की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने पश्चात ही विवाह करें। सभी लोग बाल विवाह रोकथाम टीम की समझाईश पर सहमति जताई। टीम द्वारा उपस्थित ग्रामीणजनों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों का विवाह निर्धारित आयु सीमा के पश्चात् ही करें। जिससे बालक-बालिका के शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण, परिवार नियोजन आदि में बेहतर सुधार में योगदान दिया जा सके। इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी, ऑउटरीचवर्कर यशवंत ध्रुव, समन्वयक तुलेश्वर साहू, चाईल्ड लाईन एवं पुलिस बल शामिल थे।

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