खरीफ फसल कार्यक्रम के लिए किसानों को मांग के अनुरूप बीज-खाद उपलब्ध करवाने के निर्देश
गरियाबंद 21 मई 2024/ कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन, क्रेडा, बीज निगम, मंडी बोर्ड, सहकारी बैंक तथा रेशम विभाग की समीक्षा बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि किसानों को हितग्राहीमूलक कार्यों के क्रियान्वयन के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। जिससे कि पात्र किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले। किसानों को धान के अलावा अन्य फसलों से भी आमदनी हो, इसे ध्यान रखते हुए खरीफ फसल सीजन में धान के साथ ही कोदो-कुटकी एवं रागी जैसे लघु धान्य फसलों को बढ़ावा देने के लिए पहल करे। टिकरा एवं मरहान भूमि में इन लघु धान्य फसलों की पैदावार लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर उन्हें बीज और आवश्यक आदान सहायता उपलब्ध करवाएं। खरीफ फसल कार्यक्रम के लिए किसानों को मांग के अनुरूप बीज-खाद सुलभ कराया जाए। वहीं अधिकाधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करवाएं, जिसमें वनाधिकार पट्टेधारी किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर केसीसी प्रदान किया जाए। इसके अलावा विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को प्राथमिकता दे।
उन्होंने कहा कि कृषि एवं समवर्गीय विभाग के मैदानी अमले द्वारा जिले में अच्छे से कार्य करे। कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान खरीफ सीजन में बीज और उर्वरक के वितरण के लिए पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने संस्थावार खाद, बीज, उर्वरक का भण्डारण एवं कृषि ऋण की भी जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि खरीफ सीजन के लिए 12 हजार 783 क्विंटल बीज का भण्डारण एवं 11 हजार 841 मिट्रीक टन उर्वरक का भण्डारण कर लिया गया है। विभिन्न समितियों में भण्डारण कराकर किसानों को दोनों कम्पोस्ट खाद कृषि ऋण के रूप में प्रदाय की जा रही है। कलेक्टर ने कहा कि कृषि बीज, खाद, उर्वरक का गुणवत्ता जांच अनिवार्य रूप से कराये ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज, खाद एवं उर्वरक मिल सके। उन्होंने जिले के सक्रिय कृषकों की जानकारी ली, इस पर बताया गया कि जिले में 1 लाख 13 हजार 66 सक्रिय कृषक है। इनमें से 99 हजार 555 किसानों का ई-केवाईसी पूरा कर लिया है। जिनमें से 95 हजार से किसानों का बैंक में आधार सिडिंग कर लिया गया है। जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी ने बताया कि किसानों के लिए खरीफ सीजन 2024-25 के लिए 233 करोड़ का ऋण वितरण लक्ष्य रखा गया है। जिसका वितरण समितियों के माध्यम से पात्र किसानों किया जा रहा है। कलेक्टर ने रेशम विभाग के अधिकारियों को रेशम से धागा निकालने के लिए स्वसहायता समूह की महिलाओं को धागा बनाने प्रेरित करने कहा।
उन्होंने मछलीपालन के लिए शत प्रतिशत तालाबों को लीज पर देने और मत्स्य बीज उपलब्ध कराने कहा। पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान जिले में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गोवंशी पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान, वत्सोत्पादन अधिक से अधिक कराने के निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि निर्माण कार्य के दौरान कार्य स्थल पर कार्यों की जानकारी सूचना पटल पर अंकित कराये, जिसमें कार्य का नाम, क्रियान्वयन एजेंसी का नाम, लागत, प्रारंभ तिथि एवं पूर्णतः तिथि का उल्लेख हो। इस अवसर पर कृषि, उद्यानिकी, मछलीपालन, पशुपालन, रेशम, सहकारिता एवं क्रेडा विभाग प्रमुख अधिकारी मौजूद थे।