कोरबा।जिले के पश्चिम क्षेत्र दर्री सीएसपीजीसीएल प्रबंधन की लापरवाही इन दिनों देखने को मिल रही है जो पर्यावरण विभाग द्वारा जारी गाईड लाइन की धज्जियां उड़ा रही है। ये हम नहीं संयंत्र से निकलने वाली राख का परिवहन किस तरह किया जा रहा है ये बयां कर रही है।
जानकारी के मुताबिक पर्यावरण विभाग द्वारा संयंत्र से राख परिवहन करने प्रबंधन को एक फॉर्मेट दिया जाता है जिसमें परिवहन के दौरान पर्ची में वाहन नंबर के साथ चालक नाम,समय जिस कृषक या भूमि स्वामी के भूखंड पर राखड डालना है उस भू खंड का वर्णन करना,किस रास्ते से लेजाना है सब उल्लेख करना होता है।लेकिन प्रबंधन द्वारा वाहन के साथ दिया गया पर्ची में न तो भू खंड का उल्लेख किया गया है और न ही रूट का वर्णन है सिर्फ लो लाइन लिख कर भेज दिया जाता है जिससे वाहन चालक राखड़ को कहीं भी डाल कर चले जाते हैं और वही राखड जब हवा से उड़ता है तो लोगो को काफी परेशानी होता है साथ ही स्वास्थ में भी प्रतिकूल प्रवाह पड़ता है।
31 दिसंबर को जब एक वाहन चालक से परिवहन पर्ची देखा गया तो उसमे प्रबंधन द्वारा वाहन का नंबर,चालक का नाम,समय,ठेकेदार का नाम तो लिखा था लेकिन किसके भूखंड में किस रास्ते से लेजाना है ये उल्लेख नहीं किया गया था जिससे प्रबंधन की घोर लापरवाही साफ नजर आती है।
क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी शैलेंद्र पिस्ता ने बताया जिले में स्थापित सभी संयंत्रों को राखड परिवहन के लिए फॉर्मेट दिया गया है।उसी के गाईड लाइन के मुताबिक राखड परिवहन करना होता है। गाइड लाइन का पालन नहीं करने वाले संयंत्रों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी।