कबीरधाम। राज्य उत्सव के दौरान शिक्षा विभाग के स्टॉल में पहुंचे माननीय उपमुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा प्रस्तुत किए गए विभिन्न नवाचारों की सराहना की।
इस अवसर पर शिक्षिका विधि तिवारी ने अपनी पुस्तक ‘ध्यान विधि – बच्चों और वयस्कों के लिए ध्यान’ के विषय में जानकारी दी, जिसमें शिक्षा में ध्यान, योग और तकनीकी नवाचारों के समन्वय पर प्रकाश डाला गया है।
उपमुख्यमंत्री ने पुस्तक की उपयोगिता को समझते हुए इसे बच्चों, शिक्षकों और समाज के लिए अत्यंत प्रेरणादायी बताया तथा शिक्षिका विधि तिवारी के पुस्तक लेखन कार्य की प्रशंसा व्यक्त की।
उन्होंने विशेष रूप से सुझाव दिया कि इस पुस्तक के माध्यम से जेल विभाग में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ, ताकि वहाँ के बंदियों को भी ध्यान और आत्मविकास की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिल सके।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पुस्तक वितरण की दिशा में विभागीय सहयोग प्रदान किया जाएगा।
विधि तिवारी ने उपमुख्यमंत्री के इस प्रोत्साहन को अत्यंत प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि उनके स्नेह और मार्गदर्शन से शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा, योग, ध्यान और तकनीकी नवाचारों को और व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास जारी रहेंगे।
उन्होंने कहा कि जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में भारतीय प्राचीन परंपरा और मूल्य आधारित शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है, उसी भावना के अनुरूप यह प्रयास किया जा रहा है कि ध्यान और आत्मविकास की विधियाँ न केवल विद्यालयों के बच्चों तक बल्कि जेल विभाग के बंदियों तक भी पहुँचे, जिससे उनके विचारों और जीवन दृष्टि में सकारात्मक परिवर्तन आए।
विधि तिवारी ने बताया कि उन्होंने इस दिशा में इसे एक संकल्प और प्रोजेक्ट रूप में कार्यान्वित करना प्रारंभ किया है, ताकि जो बच्चे या व्यक्ति भटक गए हैं, वे ध्यान और आत्मचिंतन के माध्यम से जीवन में नई दिशा पा सकें।
उनका यह सतत प्रयास निश्चित ही समाज में आंतरिक परिवर्तन और अपराध में कमी की दिशा में प्रेरक भूमिका निभाएगा।





