जांजगीर-चांपा 26 नवम्बर 2025/ छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कलेक्ट्रोरेट सभाकक्ष जांजगीर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 352 व जांजगीर-चांपा जिले में 13 वीं सुनवाई हुई। इस दौरान विधायक अकलतरा राघवेन्द्र कुमार सिंह उपस्थित थे।
आज के सुनवाई के दौरान उभयपक्ष उपस्थित हुए। आवेदिका ने बताया कि 17 माह का वेतन प्रतिमाह 10,500 रूपए के अनुसार कुल 1,78,500 रूपए अब तक नहीं मिला है। अनावेदकगण द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों से स्पष्ट है कि उच्च अधिकारियों को वेतन बकाया संबंधी पत्राचार किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 07.02.2025, 13.02.2025 एवं 20.02.2025 अनुसार 45 दिनों में भुगतान होना था, किंतु लगभग 7 माह बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ। अनावेदकगण ने कहा कि शासन से राशि प्राप्त होने पर ही भुगतान किया जाएगा। वेतन भुगतान न होने पर आवेदिका को समझाइश दी गई कि वह उच्च न्यायालय में अनावेदकगण एवं संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना याचिका प्रस्तुत कर सकती हैं। आज की कार्यवाही की प्रति निःशुल्क प्रदान की गई तथा प्रकरण की अगली सुनवाई दो माह बाद रायपुर में रखी गई।
अन्य प्रकरण में आवेदका उपस्थित आवेदक लगातार अनुपस्थित है इस प्रकरण में पूर्व में ही आवेदिका को निर्देशित किया जा चुका है कि अनावेदक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जिस पर आवेदिका ने अब तक आवेदिका ने अब तक एफआईआर दर्ज नहीं करा पायी है। आवेदिका को समझाईश दिया गया व माननीय न्यायालय में अनावेदक के खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल करे और न्याय प्राप्त करे आवेदिका को आज की आर्डरशीट निःशुल्क दिया गया। और प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका एवं अनावेदक उपस्थित अनावेदन ने दस्तावेज प्रस्तुत किया जिसके अनुसार थाना अकलतरा जिला जांजगीर ने पुलिस थाना में आवेदिका की शिकायत पर अनावेदक एवं पत्नि के खिलाफ दिनांक 31.07.2023 को भादंस की धारा 420,465,467,471 एवं 34 के तहत् एफआईआर पंजीबद्ध किया जा चुका है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इस प्रकरण में जांच कार्यवाही पूर्ण कर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत हुआ है अथवा नहीं थाना अकलतरा से जानकारी लेकर पुनः प्रस्तुत करें। उपस्थित पुलिस कर्मचारी के माध्यम से उक्त उक्त एफआईआर पर चालान तैयार हुआ है लेकिन न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है। अतः इस मामले में केन्द्र प्रशासिका को निर्देशित किया है कि थाना अकलतरा से चालान प्रस्तुति की कापी प्राप्त कर आयोग में प्रस्तुत करें। उसे आज की आर्डरशीट की प्रति निःशुल्क प्रति दिया जाता है और सखी प्रशासिका को निःशुल्क प्रति दिया जाता है।
अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित हुई, अनावेदक अनुपस्थित रहा। आवेदिका ने बताया कि अनावेदक आरक्षक दंतेवाड़ा में पदस्थ है तथा परिवार न्यायालय जांजगीर के आदेश का पालन नहीं कर रहा है, जिसके तहत 7 लाख रूपए की राशि आवेदिका को देय है। आज की आदेशशीट के अनुसार आवेदिका 7 लाख रूपए मय ब्याज प्राप्त करने की अधिकारी है। आदेशशीट की प्रति निःशुल्क आवेदिका को प्रदान की गई।
अन्य प्रकरण में अनावेदिका का पूरा पता देने में आवेदिका स्वयं को असमर्थ बताती है और उसकी बेटा की गुमशुदगी की भी रिपोर्ट लिखा चुकी है ऐसी दशा में आवेदिका का पूरा पता के अभाव में सुने जाने का काई औचित्य नहीं है आवेदिका सखी के माध्यम से अनावेदिका का पूरा पता प्राप्त कर दो माह में सूचित करें ताकि प्रकरण सुना जाना है या नहीं इस पर निर्णय लिया जा सके।
अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित आनावेदक अनुपस्थित इस मामले में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री किया गया है। आवेदिका की ओर सेे पुलिस थाना डभरा को लिखित शिकायत किया गया है। लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया है आवेदिका ने उपपंजीयक डभरा को भी लिखित शिकायत किया है। प्रकरण गंभीर प्रकृति का है इसमें सखी प्रशासिका को प्रकरण सुपूर्द किया जाता है कि वह इस आवेदिका की प्रत्येक स्थान पर मदद करे और अनावेदक गण का पूरा पता मोबाईल नंबर प्राप्त करें तथा एफआईआर दर्ज करावे अपनी रिपोर्ट 02 माह में आयोग को प्रस्तुत करें। ताकि रायपुर में इसकी शीघ्र सुनवाई की जा सके।





