कोरबा।कोरबा शिक्षण समिति द्वारा संचालित कोरबा कम्प्यूटर महाविद्यालय में हर्षोल्लास के साथ निर्देशक राजेश अग्रवाल जी के आतिथ्य में तथा शिक्षक शिक्षिकाओं, छात्र-छात्रों की गरिमामय उपस्थिति में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जयंती (शिक्षक दिवस) का उत्सव मनाया गया।
भारतीय परंपरानुसार कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए अतिथियों का स्वागत तिलक एवं बैच लगाकर किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि राजेश अग्रवाल जी द्वारा मॉ सरस्वती एवं डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन के तैल्यचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर सरस्वती वंदना पीजीडीसीए के छात्रा श्रद्धा के प्रस्तुति के साथ हुआ तत्पश्चात गणेश वंदना सृष्टि (बीसीए प्रथम) के द्वारा प्रस्तुत किया गया। महाविद्यालय के विद्यार्थियों सिम्नम (बीकॉम द्वितीय) समीर, स्वास्तिका, मालविका, अमन (बीबीए द्वितीय) विकास (बीबीए प्रथम) रीना (बीकॉम प्रथम) अजय (बीकॉम अंतिम) एवं श्रुति, किरन (डीसीए) एवं प्रतिमा (बीसीए प्रथम) तथा तरूण, हिमांशू एवं जीनत (बीसीए अंतिम) तथा राकेश, बिजेन्द्र, मनीश, रूपेश एवं गगन तथा रंजिता, आयुशी एवं आरती के सामुहिक नृत्यों द्वारा माहौल में जोश भर गया। रोशन (बीसीए प्रथम) द्वारा महाविद्यालय के शिक्षकों के बारे में बनाये गये पीपीटी प्रजेन्टेशन के माध्यम से रोचक जानकारियाँ दी गई, साथ ही तनमय, शाश्वत एवं कुन्दन (बीसीए प्रथम) एवं निखिल (डीसीए) द्वारा डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के उपर बहुत ही प्रेरणादायी भाषण प्रस्तुत किया गया, निकिता एवं शरदा (बीसीए अंतिम) तथा खुशी एवं लेखा तथा कुमानदनी एवं नीलम (बीसीए प्रथम) निखिल एवं रोहित (डीसीए) मंजितएवं राकेश (बीबीए प्रथम) के युगल नृत्यों तथा सृष्टि (बीसीए प्रथम) आयुशी एवं शुभम (डीसीए) के एकल नृत्यों ने खूब तालियाँ बटोरी, आँचल, आशिक (बीकॉम प्रथम) एवं श्रद्धा (पीजीडीसीए) के द्वारा बहुत ही मनमोहक संगीत प्रस्तुत किया गया।
इसी क्रम में शिक्षकों के लिए विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन किया गया, इसमें बालीदास महंत, मनोज धीवर, लता साव एवं शहजादी सिद्दिकी विजयी हुये।
महाविद्यालय के निर्देशक राजेश अग्रवाल जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि छात्रों को स्वयं के छात्र जीवन के अस्मरणीय अनुभवों को छात्रों के साथ साझा किया कि किस प्रकार एक शिक्षक दीये की तरह जलकर छात्रों एवं समाज में शिक्षा का प्रकाश फैलाता है जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके और बदले में समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी शिक्षा प्राप्त हो सके, वहीं उन्होने छात्रों द्वारा सास्कृतिक कार्यक्रमों के लिए छात्रों को बधाई दी एवं कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में संगठन, व्यवहार कुशलता एवं समय प्रबंधन की सीख मिलती है तथा आगे बढ़ने प्रेरणा मिलती है, कार्यक्रम के अंत में उपस्थित शिक्षक व शिक्षिकाओं को छात्र-छात्राओं द्वारा स्वलपाहार व स्मृति चिन्ह भेटकर एवं शिक्षको का पैर छुकर आर्शिवाद प्राप्त किया।
कार्यक्रम का सफल मंच संचालन महाविद्यालय के विद्यार्थियों शाश्वत कुमार एवं सुरेखा (बीसीए प्रथम) आयुशी (डीसीए) तथा सृष्टि (बीसीए प्रथम) ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के शिक्षकों कपीश कबीर, रीना लहरे, लता साव, बालीदास महंत, शहजादी सिद्दिकी, सुरभि कुण्डू, सुरभि राठौर, सुखसागर यादव एवं कर्मचारियों शिव प्रसाद निर्मलकर, पुष्पा मानिकपुरी तथा छात्र-छात्राओं का विषेष योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया।