Friday, November 22, 2024

        कलेक्टर श्री अग्रवाल की संवेदनशील पहल से पुनः 2 लोगों को मिली अनुकंपा नियुक्ति

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        परिवार के भरण पोषण का मिला सहारा

        कलेक्टर ने नियुक्ति पत्र सौंपकर दी शुभकामनाएं

        पिछले 1 माह के भीतर जिले में 9 लोगों को मिल चुकी है अनुकंपा नियुक्ति

        गरियाबंद 09 अगस्त 2024/ कलेक्टर  दीपक अग्रवाल की त्वरित एवं संवेदनशील पहल से आज फिर 2 लोगों को अनुकंपा नियुक्ति मिली है। कलेक्टर ने गुरुवार को बबली विश्वकर्मा एवं भामिनी दीवान को अनुकंपा नियुक्ति सौंपकर निष्ठा एवं लगन से शासकीय सेवा करने की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। पति के निधन पश्चात परिवार के भरण पोषण के लिए चिंतित दोनों महिलाओं की समस्या दूर हो गई है। साथ ही परिवार के विकास का सहारा मिल गया है। शासन के सहयोग से मिले अनुकंपा नियुक्ति के फलस्वरूप अब उनके बच्चों की पढ़ाई लिखाई एवं देखरेख की भी चिंता दूर हो गई है। दोनों को भृत्य पद पर नियुक्ति दी गई है।  बबली को शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल परसदाकला एवं भामिनी को शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल छुरा में पोस्टिंग दी गई है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के द्वारा अनुकंपा नियुक्ति मिलने से आज दोनों महिलाओं के परिजनों ने खुशी जताते हुए कलेक्टर एवं जिला प्रशासन का आभार जताया। अनुकंपा नियुक्ति मिलने के बाद उन्होंने कहा कि राज्य शासन की नीति के तहत त्वरित पहल से नौकरी मिल गई है। जिससे आर्थिक समस्याओं को दूर करने एवं परिवार के पालन पोषण में सहायक होगी।
        उल्लेखनीय है कि जिले में पिछले 1 माह के भीतर 9 लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी जा चुकी है। शासन के प्रावधानों के तहत कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को तेजी से निराकृत करने के निर्देश दिये हैं। इसी के तहत अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को तेजी से पूर्ण किया जा रहा है।गुरुवार को अनुकंपा नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाली फिंगेश्वर निवासी बबली विश्वकर्मा ने बताया कि उनके पति शिक्षक के रूप में सेवारत थे। उनके निधन के बाद परिवार चलाना मुश्किल हो गया था। बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता रहती थी।  उन्होंने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति मिलने से परिवार के पालन पोषण एवं देखरेख में सहायता मिलेगी। साथ ही भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। इसी प्रकार छुरा विकासखंड के ग्राम अकलवारा की रहने वाली भामिनी दीवान के पति भी शिक्षा विभाग में पदस्थ थे। उनके निधन के पश्चात उन्हें भृत्य के रूप में नियुक्ति मिली है। उन्होंने बताया कि पति के जाने के बाद भविष्य चिंतित था। शासन की पहल से अनुकंपा नियुक्ति मिलने से परिवार के खुशहाली में मदद होगी।

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