Tuesday, July 29, 2025

          पहले बारिश में मुसीबत बढ़ जाती थी, अब तो चैन से रह पाते हैं..

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            चलने-फिरने में असमर्थ मुरलीधर के लिए पीएम आवास योजना बनी सहारा

            कोरबा 28 जुलाई 2025/ मैं जब तक सक्षम था..मेरी झोपड़ी में कोई ज्यादा परेशानी नहीं थी। बारिश हो तूफान.. हर मौसम में झोपड़ी में ही मेरा और मेरे परिवार का समय बीता। हालांकि खपरैल वाले मिट्टी के घरों में रहना तकलीफदेह तो है.. लेकिन हाथ पैर सही सलामत हो तो हर तकलीफ दूर की जा सकती है...मैं भी बारिश आते ही परेशानी से बचने के लिए परिवार सहित खपरैल ठीक करता था। बारिश के बाद उखड़ी हुई दीवारों की मरम्मत करता था और तेज बारिश में घर के भीतर गिरने वाली पानी की धार से बचने और घर के सामानों को बचाने के लिए भी तमाम कोशिश करता...कुछ साल पहले अचनाक से मेरे पैरों ने जवाब देना शुरू कर दिया। घुटनो में असहनीय दर्द के बीच चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया। इस बीच मेरी चिंता बढ़ गई। बारिश से पहले जहाँ मैं घर के छत पर चढ़कर खपरैल ठीक तो कर लेता था..अब अपने घुटनों की वजह से यह सब करना आसान नहीं रह गया। मैं तनाव में था कि अब क्या होगा? बारिश में फिर वही परेशानी झेलनी होगी ! मेरी इस चिंता के बीच जब पीएम आवास योजना में मेरा नाम आया और पहली किश्त मिली तो मैंने कच्चे मकान को तुड़वाकर पक्का मकान बनाने में देरी नहीं की, आज मेरा घर पक्का बन गया है और अभी तेज बारिश भी हो रही है, इसके बावजूद मुझे कोई परेशानी नहीं है... मैं चैन से अपने घर में रह पा रहा हूँ।

            पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम मल्दा में रहने वाले ग्रामीण मुरलीधर निर्मलकर ने बताया कि बीते वर्ष प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उन्हें मिला। इस योजना का लाभ उठाकर उन्होंने झोपड़ी की जगह पक्का मकान बनवा लिया है। मुरलीधर ने बताया कि उनकी उम्र 65-66 की हो गई है। इस बीच घुटनों में दर्द होने लगा है और कही आना जाना भी मुश्किल हो गया है। घुटनों में दर्द की वजह से उन्हें यहीं चिंता होती थी कि बारिश के दिनों में वह झोपड़ी में होने वाली परेशानियों से कैसे बचेगा, क्योंकि अब तो खपरैल भी ठीक करने के लिए सक्षम नहीं है। उन्होंने बताया कि वह सौभाग्यशाली है कि उनका नाम पीएम आवास योजना में आया और  उन्होंने बिना देर किए राशि मिलते ही अपना मकान पूरा बनवा लिया। ग्रामीण मुरलीधर की पत्नी लच्छमनिया बाई ने बताया कि झोपड़ी में बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी होती थी। कच्ची दीवारे उखड़ जाती थी। घर के भीतर पानी की धार गिरने से जगह- जगह गड्ढे बन जाते थे। मेरा काम भी बढ़ जाता था। ग्रामीण मुरलीधर और उनकी पत्नी लच्छमनिया बाई ने पीएम आवास योजना के लिए लाभान्वित किए जाने पर खुशी जताई और प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब पक्का मकान बन गया है और बारिश भी हो रही है तो हम लोग चैन से रह पा रहे हैं, हमें कोई तकलीफ नहीं है।

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