Thursday, November 27, 2025

            शासन की संवेदनशील धान खरीदी नीति से किसानों को मिल रही राहत – किसान  संतोष कुमार

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              घर बैठे टोकन, पारदर्शी तौल, धान खरीदी व्यवस्था से संतोष कुमार का बढ़ा आत्मविश्वास

              जांजगीर-चांपा, 27 नवंबर 2025/ जांजगीर-चांपा जिले के खरौद में रहने वाले किसान संतोष कुमार की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव आया है। कुछ वर्षों पहले तक धान बेचने की प्रक्रिया उनके लिए मुश्किलों से भरी रही। धूप में भूने हुए दिन, रातभर की बेचौनी, भीड़भाड़ में लंबी कतारें, तौल और भुगतान को लेकर असमंजस – ये सब उनकी खेती-किसानी का हिस्सा बन चुके थे। लेकिन शासन की पारदर्शी और तकनीक आधारित धान खरीदी व्यवस्था ने उनकी दुनिया ही बदल दी।

              किसान संतोष कुमार जब खरौद धान उपार्जन केंद्र पहुंचे, तो उन्होंने पहली बार महसूस किया कि सरकारी व्यवस्थाएँ भी किसान के हित में कितनी प्रभावी हो सकती हैं। केंद्र में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या अवांछित भीड़ नहीं थी। साफ-सुथरा माहौल, सहयोगी कर्मचारियों की उपस्थिति, निर्धारित समय पर टोकन की उपलब्धता और तौल प्रक्रिया की पारदर्शिता ने उन्हें पहली ही नजर में प्रभावित कर दिया। उन्होंने बताया कि यह बदलाव सिर्फ व्यवस्थाओं में नहीं, बल्कि किसानों के मनोबल में भी आया है।  संतोष कुमार ने 53 क्विंटल धान बेचा। पहले जहां उन्हें धान बेचने में कई दिन लग जाते थे, वहीं अब कुछ ही घंटों में संपूर्ण प्रक्रिया पूरी हो गई। न कोई भागदौड़, न कोई अनिश्चितता और न ही बेवजह की परेशानी। वे बताते हैं कि तौल प्रक्रिया में पारदर्शिता से उन्हें एक अलग ही विश्वास मिला है।

              किसान संतोष कुमार अपने अनुभव बताते हुए कहते हैं कि पहले धान खरीदी के दिनों में घर की चिंताओं और आर्थिक अनिश्चितता का बड़ा दबाव रहता था। लेकिन इस बार स्थिति पूरी तरह बदली है। धान बेचकर घर लौटते समय उनके चेहरे पर एक अलग चमक थी, मानो वर्षों पुराना बोझ उतर गया हो। उन्होंने कहा कि अब वे निश्चिंत होकर परिवार के साथ समय बिता पा रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई, घर की जरूरतें, खेती की योजनाएँ सब कुछ व्यवस्थित तरीके से सोच पा रहे हैं, क्योंकि आय सुनिश्चित है, भुगतान समय पर मिल रहा है और प्रक्रिया में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं रही। सरकार द्वारा शुरू किया गया ‘टोकन तुहर हाथ’ मोबाइल एप उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं। पहले टोकन के लिए केंद्र तक जाना पड़ता था, भीड़ का सामना करना पड़ता था और कई बार पूरा दिन बर्बाद हो जाता था। लेकिन अब घर बैठे टोकन बुक करने से न सिर्फ समय की बचत हो रही है, बल्कि व्यवस्था में एक नई पारदर्शिता और सम्मान का भाव भी मिल रहा है।

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