कोरबा- जिले के सबसे प्राचीन कमला नेहरू महाविद्यालय में पहली बार किसी शिक्षक शिक्षिका को प्रबंधन द्वारा निलंबित किया गया है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 5 नंवबर दिन शनिवार को बीएड की सहायक प्राध्यापिका और कंप्यूटर के सहायक प्राध्यापक साइंस लैब में मौजूद थे । इसी दरम्यान सहायक प्राध्यापक की पत्नी अपने पिताजी के साथ महाविद्यालय पहुंची । अपने पति को ढूंढ़ते हुए जब वो लैब पहुंची तो लैब में सहायक प्राध्यापिका और सहायक प्राध्यापक गुप्तगु करते हुए मिले । जिस परिस्थिति में वे दोनों थे उसे देखकर पत्नी भड़क गई और दोनों को जमकर खरी खोटी सुनाई ।
इसके उपरांत सहायक प्राध्यापक की पत्नी ने अपने पति को खींचते हुए घर लौट गई । लेकिन मामला यहीं नहीं शांत नहीं हुआ, पीड़ित पत्नी ने इसकी जानकारी अपने माता पिता को दी जिसके बाद परिजनों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक कोरबा, राज्य महिला आयोग रायपुर, आंतरिक परिवार समिति कमला नेहरू महाविद्यालय एवं महाविद्यालय प्रबंधन से की ।
उधर इस घटना की खबर आग की तरह पूरे शहर में फैल गई लिहाजा प्रबंधन ने आनन-फानन में मंगलवार को सहायक प्राध्यापिका और कंप्यूटर के सहायक प्राध्यापक को आचरणहीनता के आरोप में तत्काल निलंबित कर दिया ।
इस घटना के संबंध में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर ने गोलमोल जवाब देते हुए केवल दोनों के निलंबन की बात कही लेकिन उनके वक्तव्य से साफ प्रतीत हो रहा था कि वो मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं ।
बता दें कि बीएड की निलंबित सहायक प्राध्यापिका के खिलाफ अनेक गंभीर आरोप लगते रहे हैं लेकिन प्रभारी प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर कोई कार्रवाई करना तो दूर वो शिकायतों की जाँच तक नहीं करवाते । उनका श्रेय पाकर ही सहायक प्राध्यापिका के हौसले बुलंदी पर रहते हैं । लेकिन इस बार चौतरफा दबाव पड़ने के कारण उन्हें निलंबन की कार्यवाही करनी पड़ी ।
कमला नेहरू महाविद्यालय में गठित आंतरिक परिवाद समिति की अध्यक्ष डॉ किरण चौहान ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में ऐसी घटनाओं का होना एक गंभीर मामला है । बहुत जल्द शिकायतों की जांच के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी।
वहीं छात्र नेता ने कहा कि दोनों प्राध्यापकों की हरकतों से महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं वाकिफ हैं ।
इन्हें निलंबित करना बहुत छोटी सजा है । छात्रसंगठन उनकी बर्खास्तगी की मांग करता है । अगर महाविद्यालय प्रबंधन उन्हें बर्खास्त नहीं करता है तो वे उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे ।