Thursday, November 13, 2025

            सूरज से समृद्धि की ओर – प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से जगमगाए श्रवण और सरफराज के सपनों के घर

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              जहाँ पहले थी बजट की परेशानी, अब सौर ऊर्जा से हर घर में आई रौशनी और राहत

              कोरबा 12 नवंबर, 2025/सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सशक्त कदम के रूप में प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना ने देशभर के लाखों परिवारों के जीवन में नई रोशनी भर दी है। इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से अब आम नागरिक न केवल अपनी ऊर्जा जरूरतों को स्वयं पूरा कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुंचाने की इस पहल ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता के साथ-साथ आर्थिक सशक्तिकरण का भी मार्ग प्रशस्त किया है। ग्रामीण अंचलों से लेकर शहरी बस्तियों तक, यह योजना आज हर घर में आशा की नई किरण जगा रही है।
              प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुई प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना का उद्देश्य प्रत्येक घर की छत पर सौर पैनल स्थापित कर नागरिकों को स्वच्छ, सस्ती और सतत ऊर्जा उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा लाभार्थियों को वित्तीय सहायता, तकनीकी सहयोग और सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जिससे सौर पैनलों की स्थापना आमजन के लिए सरल और किफायती बनी है। ऊर्जा उपभोग में आत्मनिर्भरता की यह पहल नागरिकों को बिजली बिल से राहत देते हुए अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचने का अवसर भी दे रही है, जिससे परिवारों की आमदनी में वृद्धि हो रही है।
              छत्तीसगढ़ राज्य में भी प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शासन के समन्वित प्रयासों और प्रशासनिक तत्परता के परिणामस्वरूप यह योजना तीव्र गति से जन-जन तक पहुँच रही है। विशेषकर ग्रामीण अंचलों में, जहाँ बिजली आपूर्ति एक बड़ी चुनौती मानी जाती थी, वहीं अब वही घर सौर ऊर्जा की स्वच्छ रोशनी से आलोकित हो रहे हैं। इस योजना ने न केवल ऊर्जा उपलब्धता को सुदृढ़ किया है, बल्कि नागरिकों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति नई चेतना भी जागृत की है। सौर ऊर्जा अपनाने की यह प्रवृत्ति अब स्थायी विकास और हरित भविष्य की दिशा में प्रदेश को नई पहचान दे रही है। कोरबा जिले में इस योजना के अंतर्गत अनेक परिवारों ने सौर ऊर्जा के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है।
              पाली विकासखण्ड के ग्राम केराझरिया के निवासी श्रवण अजगल्ले, पेशे से आर्किटेक्ट हैं। अपने माता-पिता के सपनों का घर बनाते समय उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन यही घर सौर ऊर्जा से प्रकाशित होगा। पहले जब हर महीने बिजली का बिल आता था, तो घर का बजट संभालना कठिन हो जाता था। परंतु अब सूर्यघर योजना के तहत सोलर पैनल लगवाने के बाद उनके जीवन में सुखद बदलाव आया है। श्रवण बताते हैं कि अब घर की हर जरूरत सौर ऊर्जा से पूरी होती है कंप्यूटर पर काम करना हो, घर को रोशन रखना हो या गर्मी के दिनों में पंखा और कूलर चलाना हो सब कुछ बिना किसी चिंता के चलता है। वे मुस्कुराते हुए कहते हैं, “अब बिजली का बिल नहीं, बल्कि घर की छत से मिलने वाली ऊर्जा ही हमारी सबसे बड़ी बचत है।”
              वहीं, कोरबा नगरीय क्षेत्र के खरमोरा निवासी  सरफराज अंसारी का परिवार भी इस योजना से जुड़कर ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण बन गया है। सरफराज बताते हैं कि पहले हर महीने बिजली बिल को लेकर चिंता बनी रहती थी, लेकिन अब उनके घर की छत पर लगा सोलर पैनल न केवल बिजली की जरूरतें पूरी कर रहा है, बल्कि स्वच्छ और हरित ऊर्जा का स्रोत भी बन गया है। वे कहते हैं, “अब हमें लगता है कि हमारी छत सिर्फ छाया नहीं देती, बल्कि भविष्य की रोशनी भी बिखेरती है।” उन्होंने आगे बताया कि सौर ऊर्जा अपनाने से जीवन की गति बदल गई है। अब काम निर्बाध रूप से चलते हैं और सबसे बड़ी बात यह सब पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व की भावना के साथ हो रहा है। यह योजना सिर्फ एक तकनीकी सुविधा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ाया गया एक सशक्त कदम है।
              दोनों लाभार्थियों के अनुभव बताते हैं कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना ने केवल बिजली के बिलों में राहत नहीं दी, बल्कि जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन भी लाया है। श्रवण और सरफराज जैसे असंख्य परिवार आज अपने घरों की छत से ऊर्जा का सृजन कर रहे हैं और देश की हरित प्रगति में साझेदार बन रहे हैं। यह योजना अब हर घर में ‘ऊर्जा से आत्मनिर्भरता’ और ‘सूरज से समृद्धि’ का संदेश प्रसारित कर रही है।

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