आयुक्त आशुतोष पाण्डेय ने निगम के जोन कमिश्नरों की बैठक लेकर एस.आई.आर. की कार्यप्रगति की विस्तार से समीक्षा की
कोरबा 25 नवम्बर 2025।आयुक्त आशुतोष पाण्डेय ने नगर पालिक निगम कोरबा के जोन कमिश्नरों व प्रभारी अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य को त्रुटिरहित स्वरूप में संपादित कराते हुए निर्धारित समयसीमा में कार्य को पूरा कराएं, अपने अधिनस्थ स्टाफ को इस कार्य बी.एल.ओ., सुपरवाईजर को सभी आवश्यक सहयोग देने हेतु निर्देशित करें, साथ ही प्रतिदिन की कार्यप्रगति की जानकारी अपडेट करते हुए आमनागरिकों, मतदाताओं को सतत रूप से प्रेरित व प्रोत्साहित करें कि वे एस.आई.आर. की सही जानकारी फार्म में भरकर अपने बी.एल.ओ. के पास जमा कराएं।
यहाॅं उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के तहत कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत वसंत के मार्गदर्शन में कोरबा जिले में निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य प्रगति पर है तथा जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में बी.एल.ओ. द्वारा घर -घर जाकर मतदाताओं से गणना पत्रक भरवाने व बी.एल.ओ. एप के माध्यम से डिजिटल प्रवृष्टि करने का कार्य प्रगति पर है। कोरबा शहरी क्षेत्र व नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्रांतर्गत सभी वार्डो में भी विशेष गहन पुनरीक्षत का यह कार्य जारी है। आज निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय ने निगम के सभी जोन कमिश्नरों व प्रभारी अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक लेकर निगम क्षेत्र में निर्वाचक नामावलियों के किए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य की कार्यप्रगति की विस्तार से समीक्षा की तथा उक्ताशय के निर्देश जोन कमिश्नरों को दिए। बैठक के दौरान एस.डी.एम. सरोज महिलांगे, अपर आयुक्त विनय मिश्रा, उपायुक्त पवन वर्मा, नीरज कौशिक, बी.पी.त्रिवेदी, जोन कमिश्नर विनोद शांडिल्य, भूषण उरांव, अखिलेश शुक्ला, प्रकाश चन्द्रा, तपन तिवारी, एन.के.नाथ, सुनील टांडे, राकेश मसीह आदि के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
वर्ष 2003 की नामावली में नाम न होने पर इन 11 में से कोई भी एक दस्तावेज आवश्यक
आयुक्त आशुतोष पाण्डेय ने बैठक में कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार गणना पत्रक भरने एवं डिजिटाईजेशन की अवधि 04 नवम्बर 2025 से 04 दिसम्बर 2025 तक है। उन्होने कहा कि वर्ष 2003 की निर्वाचक नामावली में संबंधित मतदाता का स्वयं या उनके माता-पिता का नाम होने पर किसी प्रकार की दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी किन्तु यदि 2003 की निर्वाचक नामावली में स्वयं या माता-पिता का नाम नहीं होगा तो इन 11 प्रकार के दस्तावेजों में से किसी एक दस्तावेज का होना अनिवार्य है। इन दस्तावेजों में न नियमित कर्मचारी पेंशनभोगी को केन्द्र/राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रम द्वारा जारी पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश, न 01 जुलाई 1987 से पूर्व भारत में किसी भी सरकारी, स्थानीय निकाय, बैंक, डाकघर, एलआईसी, पीएसयू द्वारा जारी पहचान पत्र या प्रमाण पत्र के दस्तावेज, न सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्र, न पासपोर्ट न मैट्रिकुलेशन या शैक्षणिक प्रमाणपत्र (मान्यता प्राप्त बोर्ड, विश्वविद्यालय द्वारा जारी) न स्थायी निवास प्रमाणपत्र (सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी) न वन अधिकार प्रमाणपत्र न ओ.बी.सी., एस.सी. एस.टी या अन्य जाति प्रमाणपत्र (सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी) न राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर – जहाँ लागू हो न परिवार रजिस्टर (राज्य , स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार ) न सरकार द्वारा जारी भूमि, मकान आवंटन प्रमाणपत्र आदि शामिल है। एसआईआर फार्म भरने हेतु नवीन फोटो की आवश्यकता नहीं है, जो पूर्व में है उससे अपडेट किया जाएगा यदि कोई नवीन फोटो देता है तो स्वीकार्य किया जाएगा।
टी.एल.प्रकरणों का निराकरण समयसीमा में सुनिश्चित हों
आयुक्त आशुतोष पाण्डेय ने बैठक के दौरान कलेक्टर टी.एल., जनदर्शन, पी.जी.एन. एवं पी.एम.ओ.पी.जी., निगम टी.एल. के साथ-साथ जनसमस्याओं व जनशिकायतों से संबंधित प्राप्त आवेदनों आदि के निराकरण की जोनवार व विषयवार समीक्षा की। उन्होने निगम के जोन कमिश्नरों व प्रभारी अधिकारियों को कडे़ निर्देश देते हुए कहा कि टी.एल.प्रकरणों, जनशिकायतों व जनसमस्याओं से जुडे़ आवेदनों, प्रकरणों आदि का निर्धारित समयसीमा के अंदर निराकरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराएं, संबंधित अधिकारी प्रकरणों के निराकरण की सतत मानीटरिंग नियमित रूप से अपने स्तर पर करें तथा यह अंतिम रूप से सुनिश्चित कराएं कि सभी प्रकरणों का संतुष्टिपूर्ण निराकरण समयसीमा में किया जा रहा है।
विकास व निर्माण कार्यो की कार्यप्रगति की समीक्षा
आयुक्त श्री पाण्डेय ने बैठक के दौरान निगम के विभिन्न विकास व निर्माण कार्यो की कार्यप्रगति की समीक्षा की, उन्होने जिला खनिज न्यास मद, अधोसंरचना मद, वित्त आयोग मद, प्रभारी मंत्री मद, सांसद व विधायक मद, महापौर मद, पार्षद मद, निगम मद, सहित अन्य विभिन्न मदो के अंतर्गत प्रस्तावित, स्वीकृत व प्रगतिरत विकास व निर्माण कार्यो की वर्तमान कार्यप्रगति की जोनवार व वार्डवार समीक्षा की। उन्होने स्वीकृत कार्यो की नियमानुसार निविदा प्रक्रिया समयसीमा में पूरी करने, जिन कार्यो की निविदा प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है उन्हें प्रारंभ करने, प्रगतिरत कार्यो में तेजी लाने तथा कार्य संपादन के दौरान कार्य की गुणवत्ता पर विशेष फोकस रखने के कडे़ निर्देश अधिकारियों को दिए।





