Friday, May 2, 2025

        अच्छे संगत और अच्छे मित्रता से होती है मानसिक विकास : प्राध्यापक डॉ.प्रिंस मिश्रा

        Must read

          कोरबा। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर 10 अक्टूबर को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, रामपुर,पोड़ी उपरोड़ा जिला-कोरबा, में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और परीक्षा पर होने वाले तनाव से बचने के लिए उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए पुनर्बलन कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया।
          मुख्य वक्ता डॉ .प्रिंस कुमार मिश्रा द्वारा बच्चों को सफलता और परीक्षा की तैयारी के विषय में मार्गदर्शन दिया।

          कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राध्यापक डॉ.प्रिंस कुमार मिश्रा का विद्यालय के प्राचार्य एवं विद्यार्थियों द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर व तिलक लगाकर स्वागत किया गया।

          जिसके उपरांत प्राध्यापक डॉ.प्रिंस कुमार मिश्रा ने अपना परिचय देते हुए कहानी के माध्यम से जीवन में सफल बनने प्रेरित किया।

          प्राध्यापक डॉ. प्रिंस कुमार मिश्रा ने राजा दशरथ के जीवन की कहानी से बच्चों को माता-पिता को हमेशा सम्मान देने की बात को सिखाया,इस दौरान उन्होंने खरगोश एवं कछुए की कहानी बताकर एक दूसरे की सहायता से बच्चों को संगठित रहना एवं एक दूसरे की सहायता के प्रति तत्पर रहने की बात कही जिन्हें बच्चों ने ध्यान पूर्वक सुना।
          प्राध्यापक डॉ.मिश्रा ने आगे कहा की मानसिक विकास के लिए अच्छे मित्रता एवं अच्छी संगत अति आवश्यक है।परीक्षा में सफल होने के लिए
          आपस में प्रतियोगिता करना भी बहुत जरूरी है क्योंकि आपस में प्रतियोगिता करने से हमारे आत्मविश्वास मजबूत होता है।इस दौरान उन्होंने परिश्रम के सकारात्मक पक्ष को प्रकाशित करते हुए विद्यार्थियों को मानसिक तनाव से बचने के उपाय भी सरल माध्यम में बताएं।

          भावनाओं को उदवेलित करते हुए डॉ.मिश्रा ने बड़े मार्मिक ढंग से माता-पिता द्वारा बच्चों पर उनकी चिंता को बताने का प्रयास किया और कहा की चाहे माता-पिता द्वारा जो भी अपने बच्चों को बोला जाता है करने के लिए कहा जाता है वह सभी उनके हित के लिए होता है,हमें कभी भी माता-पिता की बातों का बुरा नहीं मानना चाहिए। इन बातों के साथ ही डाॅ प्रिंस कुमार मिश्रा द्वारा बड़े ही सरल ढंग से बच्चों को समझाया गया कि हमें किसी से द्वेष भावना नहीं रखनी चाहिए परंतु अपने आप में सक्षम बनने का प्रयास करना जरूर करनी चाहिए। सफलता के लिए थोड़ा स्वार्थी भी बनना पड़ता है हमें गलत चीजों,बुरी बातों और बुरी कार्यों से हमेशा बचते हुए आगे बढ़ना चाहिए। डॉ.मिश्रा ने सभी बच्चों का उज्जवल भविष्य का कामना करते हुए अपने वक्तव्य समाप्त किया।

                More articles

                - Advertisement -

                    Latest article