दिव्यांग कर्मचारी के स्थानांतरण आदेश पर लगाई रोक
बिलासपुर 05 अक्टूबर 24। छत्तीसगढ़ के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कार्यरत दिव्यांग अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए राहतभरी खबर आई है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस पीपी साहू की सिंगल बेंच ने एक मामले की सुनवाई के बाद राज्य शासन को दिव्यांग अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए नीति तैयार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत राज्य आयुक्त की नियुक्ति करने के आदेश भी दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश बना आधार
अपने फैसले में कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश का हवाला दिया, जिसमें शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को उनकी पसंद के स्थानों पर तैनात करने का निर्देश राज्य सरकारों को दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि दिव्यांग कर्मचारियों के स्वतंत्र रूप से घूमने में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए उन्हें उनके निवास के करीब तैनात करना जरूरी है, ताकि उन्हें मदद मिल सके और उनके कार्य संचालन में कोई बाधा न आए।
याचिकाकर्ता को मिली राहत
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपने स्थानांतरण को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता 70 प्रतिशत शारीरिक रूप से अक्षम है और नगर पालिका परिषद बेमेतरा में सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर कार्यरत है। कोर्ट ने राज्य शासन द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को अपने वर्तमान पद पर कार्य जारी रखने की अनुमति दी है।
शासन को अभ्यावेदन पर निर्णय का निर्देश
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 10 दिनों के भीतर नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। सचिव को चार सप्ताह के भीतर इस पर निर्णय लेने को कहा गया है।