राजिम कुंभ कल्प मेला आयुष विभाग द्वारा दी जा रही स्वास्थ्य परीक्षण एवं निःशुल्क इलाज की सुविधाएं
राजिम। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतिकी ओर आम लोगों का रूझान एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। एक बार फिर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति अपना पांव जमाने लगा है। आयुर्वेद चिकित्सा से साइड इफेक्ट नहीं होने के कारण यह चिकित्सा पद्धति काफी बेहतर है। वर्तमान परिपेक्ष्य में बी.पी., शुगर की बीमारी ज्यादातर देखने को मिल रहा है। ऐसे में आयुर्वेद एक संपूर्ण चिकित्सा के रूप में सामने आया हैं। आयुर्वेद पद्धति में न केवल औषधि बल्कि योग, प्राणायाम, दिनचर्या पालन के लिए प्रेरित किया जाता हैं, जो अच्छी सेहत के लिए बहुत कारगर साबित होता हैं।
राजिम की पावन धरती में 24 फरवरी से 8 मार्च तक राजिम कुंभ कल्प मेला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आयुष विभाग जिला गरियाबंद के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा निः शुल्क जांच एवं उपचार किया जा रहा है। मेला उप प्रभारी डॉ. एश्वर्य साहू, विशिष्ट आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद ठाकुर, डॉ. संगीता कौशिक, डॉ. जितेंद्र मुंडा, डॉ. अमित चंद्रवंशी, डॉ. शुभम ठाकुर, डॉ. सावित्री सोनी, डॉ. राजकुमार कन्नौजे, होम्यो चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुमन बागची, डॉ. मिथलेश ठाकुर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. नारायण सिंह ने बताया कोविड के बाद से आयुर्वेद पद्धति को विश्व स्तर पर पहचान मिली हैं। उन्होंने कहा कि राजिम मेला में आयोजित इस शिविर में प्रतिदिन सैकड़ों लोगों द्वारा अपनी स्वास्थ्य का परीक्षण कराना इस बात का संकेत है कि एक बार फिर लोगों में पुरानी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के प्रति विश्वास, आस्था व रूझान बढ़ा है। राजिम मेला में पहुंचने वाले मेलार्थी का स्टॉल में स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवाई वितरण किया जा रहा है। जिनमें प्रमुख रूप से ब्लड प्रेशर, मधुमेह, वात रोग, उदररोग, कास, श्वास, स्त्री रोग, मूत्र रोग संबंधी आदि सभी प्रकार के रोगों का निदान उपचार परामर्श एवं निः शुल्क दवाई वितरण किया जाता है।