शिक्षक कभी रिटायर्ड नहीं होते-कलेक्टर श्री लंगेह
कोरिया, 17 जनवरी 2024।जिला प्रशासन की एक संवेदनशील पहल किस तरह व्यक्ति, संस्था व समाज को प्रेरित करती है, यह उदाहरण कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लंगेह की नवाचार प्रयास ने साबित की है।
समाज व देश में पाठशाला/विद्यार्थी/शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान
बता दें जिला मुखिया श्री लंगेह ने एक ऐसे प्रयास को मूर्तरूप दे रहे हैं, जो अन्य विभाग के लिए नजीर साबित होंगे। बात कर रहे हैं पाठशाला-विद्यार्थी-शिक्षक ये तीनों ही किसी भी समाज व देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होते हैं। विकास की अवधारणा की बात हो या फिर व्यक्तित्व विकास इन तीनों के बिना अधूरा है। कलेक्टर श्री लंगेह ने इन्हीं उद्देश्यों के लिए प्रतिबद्ध कोरिया जिले में एक नवाचार पहल की है। उन्होंने टीचर ऑफ द मंथ अवॉर्ड यानी हर माह सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करेगी साथ ही उन्हें पुरस्कृत भी की जाएगी।
क्या है टीचर ऑफ द मन्थ अवार्ड
जानकारी के मुताबिक जिले के शासकीय विद्यालयों में अध्ययनत छात्रों के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने तथा व्यक्तित्व विकास हेतु ‘‘टीचर ऑफ द मन्थ अवार्ड‘‘ शुरू की गई है। इसका उद्देश्य जिले के अकादमिक पैरामीटर को व शिक्षकों के सहयोग से शिक्षा गुणवत्ता, परीक्षा परिणाम का उन्नयन, नियमित उपस्थित, छात्रों का कक्षा में ठहराव, व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ाने की है। शिक्षकों को प्रमुख जिम्मेदारी इस तरह दी गई है कि विद्यार्थियों की रूचि तथा शाला में उनकी उपस्थिति लगातार बनी रहे। इस तरह की पहल से भविष्य में जिले की शिक्षा गुणवत्ता और सुधरेगी। बता दें प्रत्येक माह के 20 तारीख तक शिक्षक द्वारा अपने कक्ष के अध्यापन कक्षा, अध्यापक विषय, छात्रों की उपस्थिति का मूल्यांकन प्रपत्र भरा जाएगा, वहीं माह के 22 तारीख तक मूल्यांकन प्रपत्र में ग्रेडेशन अंकित किया जाएगा और 25 तारीख तक अपने संकुल क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सभी शालाओं के मूल्यांकन प्रपत्र को एकत्रित कर संबंधित विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के पास जमा करना, माह के 27 तारीख तक संकुल प्राचार्य से प्राप्त मूल्यांकन प्रपत्र को कम्पाईल करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सूची उपलब्ध करना व 28 तारीख तक ‘‘टीचर ऑफ द मन्थ अवार्ड‘‘ प्रतिवेदन कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी साथ ही माह के 30 तारीख को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार ‘‘टीचर ऑफ द मन्थ अवार्ड‘‘ से सम्मानित किया जाना है।
सकारात्मक व अपने जिम्मेदारियों के प्रति और ज्यादा सचेत होंगे
कलेक्टर श्री लंगेह ने इस नवाचार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कभी भी शिक्षक रिटायर्ड नहीं होते, वे जीवन पर्यंत तक शिक्षक बने होते हैं, बच्चे उनके अनुसरण तभी करते हैं, जब शिक्षक एक आदर्श स्थापित करें, समाज में मूल्य आधारित विचार हो और उनके बताए मार्ग सदैव न्याय और पारदर्शिता के साथ कठिन परिश्रम को बलवती प्रदान करें। श्री लंगेह ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस पहल से निश्चय ही जिले के शिक्षकों में विद्यार्थियों तथा स्कूलों के प्रति एक सकारात्मक व अपने जिम्मेदारियों के प्रति और ज्यादा सचेत होंगे।