कोरबा। दुनिया भर में शुक्रवार को ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा गुड फ्राइडे मनाया गया, गुड फ्राईडे ईसाई धर्म के लिए बहुत ही पवित्र दिन माना जाता है। यह ईस्टर संडे से ठीक पहले वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। बाइबिल के अनुसार, प्रभु यीशु मसीह ने शुक्रवार के दिन ही अपने जीवन का बलिदान दिया था, इसलिए उनकी याद में गुड फ्राइडे मनाया जाता है। इसी कड़ी में लाईफ इन क्राईस्ट चर्च उरगा में भी शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया गया, चर्च में सदस्य एवं विश्वासी भारी संख्या में उपस्थित हुए। जहां चर्च के सदस्यों और विश्वासियों द्वारा मिलकर प्रार्थना और आराधना कर प्रभु यीशु मसीह के बलिदान को याद किया गया।
विजय मेश्राम ने बताया कि गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था, इसलिए लोग इस दिन को शोक के रूप में भी मनाते हैं, कई लोग उपवास भी रहते हैं। गुड फ्राईडे के दिन प्रभु यीशु के शिक्षाओं का स्मरण किया जाता है और प्रार्थना की जाती है।
शुक्रवार को चर्च में विभिन्न कार्यकर्म का आयोजन रखा गया था। जिसमे महिला सभा और जवान सभा ने भी बड़ चढ़ कर भाग लिया, आराधना पश्चात प्रभु यीशु मसीह के सूली पर चढ़ाए जाने के समय पर यीशु के द्वारा बोले गए सात वाणी पर प्रकाश डाला गया।
चर्च के पादरी अमन दास ने बताया कि गुड फ्राईडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बताया कि यहूदियों ने मसीह द्वारा अपने आप को परमेश्वर का पुत्र कहे जाने पर मसीह को प्राणदंड की सजा दी थी।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक: रेव.आर के मसीह
गुड फ्राइडे को लेकर जिले के अलग-अलग चर्च में विशेष प्रार्थना एवं आराधना का आयोजन हुआ। इसी कड़ी में रेव.आर के मसीह ने लाईफ इन क्राईस्ट चर्च उरगा में विश्वासियों को गुड फ्राइडे के महत्व को बताया, साथ ही साथ गुड फ्राइडे का त्योहार को क्यों मनाया जाता है, आखिर गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर क्यों हैं इस पर भी प्रकाश डाला। आराधना के दौरान बताया गया कि गुड फ्राइडे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यीशु मसीह ने अपनी मृत्यु के साथ ही दुनिया के सारे पाप अपने ऊपर ले लिए थे। उन्होंने मानवता के कल्याण के लिए अपने आप को न्योछावर कर दिया था।