Saturday, October 12, 2024

        महाप्रभु जगन्नाथ पड़े बीमार, आम व जामुन रस का लग रहा भोग, ब्रह्ममुहुर्त में रथजुतिया के दिन खुलेंगे मंदिर के पट

        Must read

        कोरबा। आषाढ़ शुक्ल के द्वितीया को मनाया जाना वाला भगवान जगदीश की शोभायात्रा रथजुतिया पर्व को धूमधाम से कोरबा अंचल के दादरखुर्द क्षेत्र में भी मनाया जाएगा। 123 साल पुरानी दादर की रथयात्रा उत्सव जिले भर में प्रसिद्ध है।
        मान्यता के अनुसार आषाढ माह के प्रथम दिन से भगवान के बीमार होने की वजह से मंदिर का पट बंद हो गया है। 15 दिनों तक उन्हे मौसमी फल आम रस व जामुन का भोग लगाया जाएगा। ब्रह्ममुहुर्त में रथदुतिया के दिन मंदिर का पट खुलेगा।

        पर्व की तैयारी को लेकर ग्रामीणों में उल्लास देखा जा रहा है। दर्शनीय रथ यात्रा को भव्य रूप से आयोजित करने के लिए ग्राम दादर खुर्द के भगवान जगन्नाथ मंदिर में तैयारियां शुरू हो गई है। कलयुग के प्रधान देव भगवान जगन्नाथ की महिमा अपरंपार मानी जाती है। आस्थावान भक्तों के इकलौते भगवान जगन्नाथ ही ऐसे आराध्य हैं, जो स्नान पश्चात बीमार पड़ते हैं। भक्तों के भाव में वे स्नान पूर्णिमा के दिन अधिक स्नान करने की वजह से सामान्य व्यक्ति की तरह ही बीमार भी होते हैं। ऐसी स्थिति जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र भक्तों से 14 दिनों तक नहीं मिलते और बुखार के प्रभाव की वजह से वे गर्भगृह की बजाय विश्राम कक्ष में एकांतवास के लिए चले जाते हैं।

        इस स्थिति में जिस प्रकार से परिवार में किसी के बीमार होने पर उनकी सेवा की जाती है, ठीक उसी प्रकार अब भगवान की सेवा मंदिर के पुजारियों और सेवकों के द्वारा की जा रही है। इस परंपरा का निर्वहन ग्राम दादर के मंदिर में किया जा रहा है, ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ का महास्नान हुआ है। तब से वे बीमार पड़े हैं बुखार आया है। उनके स्वस्थ होने के लिए भगवान को दवाई के रूप काढ़ा बनाकर पिलाते हैं। यह काढ़ा लगभग पांच दिनों तक पिलाने का प्रावधान है। आयोजन में विशेष आकर्षण केंद्र भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा की प्रतिमाओं को सुसज्जित कर रथ में बैठाया जाता है। खींचने के लिए रथ को विशेष तौर सजाया जा रहा है। प्रतिवर्ष होने वाले इस आयोजन को लेकर ग्राम वासियों में उल्लास का वातावरण देखा जा रहा है। यह परंपरा पुराने समय से यहां चली आ रही है।

        रथयात्रा के दिन प्रतिवर्ष यहां हजारों की तादात में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं।आयोजन में विशेष आकर्षण केंद्र भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा की प्रतिमाओं को सुसज्जित कर रथ में बैठाया जाता है। खींचने के लिए रथ को विशेष तौर सजाया जा रहा है। प्रतिवर्ष होने वाले इस आयोजन को लेकर ग्राम वासियों में उल्लास का वातावरण देखा जा रहा है। यह परंपरा पुराने समय से यहां चली आ रही है। रथयात्रा के दिन प्रतिवर्ष यहां हजारों की तादात में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं।

            More articles

            - Advertisement -

                  Latest article