अभियान में ग्रामीणों से सहयोग प्रदान करने एवं स्वास्थ्य लाभ लेने की गई अपील
कोरबा ।महापौर राज किशोर प्रसाद ने आज मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ सह सघन कुष्ठ एवं नेत्र ज्योति अभियान 8वें का चरण का शुभारंभ प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर किया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस.एन. केसरी, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. कुमार पुष्पेश, जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. जी.एस. जात्रा एवं जिला नोडल अधिकारी अंधत्व निवारण डॉ. सुमित गुप्ता, सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। महापौर राज किशोर प्रसाद एवं सीएमएचओ डॉ. केसरी नेे जनप्रतिनिधियों एवं जन समुदाय से आयोजित होने वाले मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ सह सघन कुष्ठ एवं नेत्र ज्योति अभियान सर्वे में अपना सहयोग प्रदान करने एवं स्वास्थ्य लाभ लेने की अपील की है।
सीएमएचओ ने जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया मुक्त अभियान जिले में 15 जून से 10 जुलाई 2023 तक आयोजित की जाएगी। अभियान में जिले के तीन विकासखण्ड कोरबा, पाली एवं पोडी-उपरोडा के कुल 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चयनित 12 ग्रामों में विगत जनवरी 2023 से अप्रैल 2023 तक किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत कोरबा विकासखण्ड के 04 ग्राम नकिया, सतरेंगा, बहेरा, तिलकेजा शामिल हैं। इसी प्रकार पाली विकासखण्ड के 02 ग्राम-बक्साही बिंझरापारा व पाली एवं पोडी-उपरोडा विकासखण्ड के 06 ग्राम सेन्दूरगढ़, पोडी-उपरोडा, लेपरा, केसलपुर, साखो व एतमानगर में कुल मलेरिया प्रकरणों के आधार पर मलेरिया मुक्त अभियान मनाया जा रहा है। कुल लक्षित जनसंख्या 33,136 में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान 2023 का 8वां चरण चलाया जाएगा। इन ग्रामों में सभी व्यक्तियों की मलेरिया जांच आर.डी किट के द्वारा किया जाना है। मलेरिया पॉजिटिव आने की स्थिति में तुरंत मलेरिया की दवाइयां खिलाई जाएगी।
कुष्ठ खोज अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कुष्ठ खोज अभियान अंतर्गत जिले के समस्त ग्रामों में मितानिनों के द्वारा घर-घर भ्रमण कर संभावित कुष्ठ रोगियों की पहचान किया जा रहा है। संभावित मरीजों का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर जांच एवं उपचार किया जाएगा। इसी प्रकार नेत्र ज्योति अभियान के संबंध में बताया गया कि राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के तहत वर्तमान में घर घर जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं मितानिन के द्वारा सर्वेक्षण किया जा रहा है। भ्रमण के दौरान गृह भेंट कर ग्रामीणों से उनकी दृष्टि क्षमता के संबंध में आवश्यक जानकारी ली जा रही है। सर्वेक्षण के दौरान नेत्र से संबंधित मरीजों की सूची व जानकारी सेक्टर पर्यवेक्षक के द्वारा संबंधित विकासखण्ड के नेत्र सहायक अधिकारी को दी जाएगी एवं नेत्र सहायक अधिकारी के द्वारा जांच कर पुष्टि की जाएगी।