Friday, November 22, 2024

        यात्री ट्रेनों और बिजली कटौती की समस्या पर बिफरी सांसद

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        रेल का मुद्दा फिर एक बार संसद में उठाएंगे


        बिजली कटौती पर शासन-प्रशासन जवाब दे

        कोरबा । लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने कोरबा प्रवास के दौरान चर्चा में आम जनता की समस्याओं पर अपनी बात रखते हुए केन्द्र व राज्य की सरकार सहित जिला प्रशासन से भी सवाल किया है। सांसद ने यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी और रद्द करने के मसले पर कहा है कि इस बारे में रेलमंत्री से गंभीर चर्चा होगी और मुद्दे को एक बार फिर संसद में उठाया जाएगा।
        सांसद ने कहा कि कोयला का लदान जारी है और उनसे राजस्व की प्राप्ति हो रही है लेकिन दूसरी तरफ यात्री ट्रेनों को 8-8 व 9-9 घंटे बिना कारण विलंब से चलाया जा रहा है। ट्रेनों को कैंसल करने से टिकट कैंसल कराने की नौबत ऐन वक्त पर आ रही है और इन सबसे जनता काफी परेशान है। सांसद ने कहा कि अब तो डबल इंजन की सरकार है फिर भी रेल संबंधी समस्या का समाधान क्यों नहीं हो रहा।
        कोरबा मिनी भारत है जहां प्रत्येक राज्य के लोग रहते हैं फिर भी ट्रेनों को व्यवस्थित क्यों नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर पहले भी रेलमंत्री से बात हो चुकी है। पुन: उनसे मिलकर इस गंभीर समस्या का निदान के लिए वे प्रयास करेंगीं। छत्तीसगढ़ के 10 सांसदों को अभी भी यह समस्या समझ नहीं आ रही है लेकिन उन्हें समझना होगा।
        सांसद ने बिजली उत्पादक ऊर्जानगरी कोरबा के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या पर सवाल करते हुए सरकार को घेरा। शहर में बिजली की कटौती हो रही है तो उनके पास दूरस्थ ग्रामीण अंचल से फोन आता है कि चार-चार दिन से बिजली नहीं है। बरसात में बिजली नहीं होने से सांप, बिन्छू का डर बना रहता है। उन्होंने कहा कि बिजली नहीं रहती तो प्रशासन इसका जवाब दे। कांग्रेस की सरकार में पूरे समय बिजली मिला करती थी और बिजली बिल हाफ योजना का लाभ पूरी बिजली देकर दिया करते थे लेकिन इस सरकार में तो बिजली बिल भी बढ़ गया और स्मार्ट मीटर लगा रहे हैं। आखिर दूसरों को बिजली देने वाले कोरबा के लोगों के साथ यह अन्याय क्यों इस पर शासन-प्रशासन को जवाब देना चाहिए। सांसद ने यह भी कहा कि कोरबा के लोग ताप विद्युत परियोजनाओं के राखड़ और प्रदूषण जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं वहीं इन संयंत्रों के आसपास बसे लोगों को भी बिजली कटौती की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

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