कोरबा। आदिवासी समुदाय से संबंधित एक 35 वर्षीय महिला को जबरिया शराब पिलाने और फिर बहस करने के बाद निर्दयतापूर्वक हत्या करने के मामले में आखिरकार आरोपी को एक वर्ष के भीतर दंड मिल ही गया। कटघोरा के एडीजे कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 500 रुपए का अर्थदंड भी आरोपित किया गया है। अंतिम सुनवाई में उस पर लगाए गए सभी आरोप साबित हुए।
राजस्व जिले कोरबा के अंतर्गत पसान थाना क्षेत्र के रामपुर धमधमापारा से यह मामला जुड़ा हुआ है जिसमें मानकुंवर पति रामायण सिंह की हत्या फावड़ा से हमला कर मौत की नींद सुला दिया गया था। 10 सितंबर 2022 को यह घटना हुई थी। इसमें समारू सिंह 20 वर्ष पिता जगनारायण की मुख्य भूमिका रही जो रामपुर का ही निवासी था। मृतका मानकुंवर के पति अपने घर से निश्तेदारी में नजदीक के गांव लखमा गये हुए थे। घर पर मृतका और उसके तीन बच्चे मौजूद थे। घटना दिवस को आरोपी के द्वारा मौके पर पहुंच मृतका और बच्चों को एक कमरे में बंद कर दिया गया। उसी दिन मृतका के घर में एक बाई के साथ आरोपी ने रात्रि में मुर्गा खाया आर दारू का सेवन करने के बाद मानकुंवर को भी जबररिया शराब पिला दी। इसके बाद टेकबाई वहां से चली गई। नशा चढ़ने पर मृतका और आरोपी की आंख लग गई। रात्रि करीब 2 बजे मृतका और आरोपी के बीच किसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया जिस पर आरोपी समारू ने गुस्से में फावड़ा से उसके सिर पर कई प्रहार कर दिये और मृतका के शव के बाल पकड़कर घसीटते हुए गली की तरफ ले गया। वहां कृपाल के घर के पास गली में छोड़ दिया गया। इस प्रकरण में घटना की सूचना पसान थाना में दिए जने पर अपराध क्रमांक 129/2022 धारा 302 के तहत दर्ज किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक राकेश जायसवाल ने पैरवी की। विचारण के बाद द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश कटघोरा जितेंद्र कुमार सिंह ने आरोपी का आजीवन कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है।
पुत्र व ग्रामीण रहे साक्षी मानकुंवर की हत्या के मामले में कोर्ट ने काफी शीघ्रता से सुनवाई करने के साथ इसे अंतिम स्थिति में पहुंचाया। प्रकरण में मृतका के पुत्र सहित अन्य लोग साक्षी रहे। बताया गया कि मृतका के शव को घसीटते हुए गांव के कुछ लोगों ने देखा था। जबकि मृतका को मारने में उसे पुत्र ने छत से देखा था। यह आधार भी आरोपी को दंडित कराने के लिए काफी सहायक सिद्ध हुआ।