खंडपीठों में विभिन्न प्रकरणों का निराकरण करते हुए एवार्ड पारित किया गया
गरियाबंद 9 मार्च 2024/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर अब्दुल जाहिद कुरैशी के निर्देश पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय गरियाबंद, किशोर न्याय बोर्ड गरियाबंद तथा राजस्व जिला गरियाबंद के राजस्व न्यायालयों एवं राजिम के न्यायालयों में आज नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। उक्त लोक अदालत हेतु तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद द्वारा 04 खण्डपीठों का गठन किया गया था। तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद के अध्यक्ष यशवंत वासनीकर ने बताया कि उक्त लोक अदालत हेतु अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गरियाबंद तजेश्वरी देवी देवागंन की गठित खण्डपीठ मेें कुल 85 लंबित एवं 1110 प्रिलिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे। जिनमें मोटर दावा प्रकरण एवं वैवाहिक प्रकरण एवं अन्य 16 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए 69 लाख 45 हजार रूपये का एवार्ड पारित किया गया। वही 160 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण करते हुए 11 लाख 48 हजार 135 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 176 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 80 लाख 93 हजार 135 रूपये का एवार्ड पारित किया गया।
वहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं व्यवहार न्यायधीश वर्ग-एक गरियाबंद छाया सिंह की गठित खण्डपीठ में 235 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 04 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 63 हजार 600 रूपये का एवार्ड पारित किया गया तथा समरी मामले सहित 211 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 58 लंबित मामलों, 04 पराक्रम्य लिखत अधिनियम मामला, अन्य सिविल के 03 के निराकरण करते हुए 9 लाख 64 हजार रूपये की राशि अदा करायी गयी तथा 100 समरी मामलों का निराकरण करते हुए 1 लाख 74 हजार 650 रूपये की राशि अदा करायी गयी। इस प्रकार कुल 175 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
प्रशान्त कुमार देवांगन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायधीश वर्ग-दो गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में 517 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 69 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 50 लाख 95 हजार 451 रूपये का एवार्ड पारित किया गया तथा समरी 08 मामले, लंबित दाण्डिक के 05 मामलों सहित, 03 भरण-पोषण मामला एवं घरेलू हिंसा, 07 पराक्रम्य लिखत अधिनियम, जमीन संबंधी 06 मामलों में कुल 77 मामलों का निराकरण करते हुए 51 लाख 01 हजार 451 रूपये की राशि अदा करायी गयी इस प्रकार कुल 91 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
प्रशान्त कुमार देवांगन प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्यायालय गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में राजीनामा योग्य लंबित 13 प्रकरण रखे गये थे जिसमें 10 प्रकरण का निराकरण किया गया तथा किरण पन्ना न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायधीश वर्ग-दो देवभोग की गठित खण्डपीठ में लंबित दाण्डिक के 11 मामले, समरी के 371 मामले एवं 02 प्रिलिटीगेशन प्रकरणों में से कुल 384 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 2 लाख 11 हजार 890 रूपये का एवार्ड पारित किया गया।
इसी प्रकार सचिन पॉल टोप्पो न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो राजिम की गठित खण्डपीठ में 1,477 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 49 प्रकरणों का निराकरण करते हुए, 127 समरी मामले, 305 लंबित दाण्डिक प्रकरण, यातायात संबंधी 92 प्रकरण एवं 21 भरण-पोषण मामला एवं घरेलू हिंसा, 50 पराक्रम्य लिखत अधिनियम, रखे गये थे, जिसमें 105 लंबित दाण्डिक मामलों, 92 यातायात प्रकरण तथा 127 समरी के सभी मामलों, 02 पराक्रम्य लिखत अधिनियम कुल 375 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 2 लाख 56 हजार 095 रूपये की एवार्ड राशि अदा करायी गयी ।
तालुका अध्यक्ष यशवंत वासनीकर ने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष अब्दूल जाहिद कुरैशी एवं सचिव प्रवीण कुमार मिश्रा के द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशानुसार अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा नेशनल लोक अदालत के अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय गरियाबंद के परिसर में विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाये गये। जिसमें महिला बाल विकास विभाग द्वारा पोषण आहार के विभिन्न प्रकार के व्यंजन, रंगोली का प्रदर्शन किया गया, उद्यानिकी विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के फलदार एवं फुलदार पौधों एवं वृक्षों का वितरण किया गया, स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोक अदालत में आये गये पक्षकारों, अधिवक्ताओं, अधिकारियों, कर्मचाारियों एवं जन सामान्य का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, साथ ही हितग्राहियो को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड का वितरण किया गया एवं नगर पालिका परिषद गरियाबंद द्वारा हितग्राहियों को राशन कार्ड का वितरण किया गया तथा मत्स्य विभाग गरियाबंद द्वारा मत्स्य बीज मत्स्य जाल एवं मछली पालन के अन्य उपकरण हितग्राहियों को प्रदान किये गये। राजस्व न्यायालयों में गठित खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों के द्वारा लोक अदालत के पूर्व से ही संबंधित पक्षकारों एवं अधिवक्तागण से प्री-सिटिंग कर इस लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु काफी प्रयास किये गये। इस लोक अदालत को सफल बनाने में खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारीगण, अधिवक्ता सदस्यगण और प्रकरणों से संबंधित अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों तथा प्रीलिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले अन्य विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों एवं संबंधित पक्षकारों का सराहनीय योगदान रहा।