हाई-हायर सेकेण्डरी स्कूलों के शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम पर रहेगा फोकस

मेधावी विद्यार्थियों को दिये जायेंगे मेडिकल-इंजीनियरिंग की निःशुल्क कोचिंग
साप्तााहिक और मासिक टेस्ट से विद्यार्थियों के शिक्षण स्तर होंगे बेहतर
कलेक्टर आकाश छिकारा ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में दिये निर्देश
गरियाबंद । कलेक्टर आकाश छिकारा ने जिला पंचायत के सभाकक्ष में जिले के सभी हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल के प्राचार्यो की बैठक लेकर शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए नई कार्य योजना की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बोर्ड के परीक्षा परिणामों में सुधार लाया जायेगा। नई कार्य योजना स्कूलों के शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम पर फोकस रहेगा। साथ ही विद्यार्थियों और शिक्षकों के स्कूलों में नियमित उपस्थिति भी सुनिश्चित की जायेगी। इस कार्य योजना के तहत मेधावी विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें जिला स्तर पर आवासीय विद्यालय के माध्यम से मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करवाई जायेगी। विद्यार्थियों के शिक्षण स्तर को बेहतर करने के लिए प्रत्येक सप्ताह शनिवार को और महीने में एक बार टेस्ट परीक्षा आयोजन किया जायेगा। प्रत्येक माह में जिले के टॉप 30 विद्यार्थियों की मेरिट सूची जारी कर उन्हें और पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। साथ ही कमजोर बच्चों को सिखने और समझने में विशेष मदद की जायेगी।

इस दौरान कलेक्टर श्री छिकारा ने पिछले बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के प्राचार्यो को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही लगातार अच्छा रिजल्ट देने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ रीता यादव, संयुक्त कलेक्टर नवीन भगत, जिला शिक्षा अधिकारी डी.एस. चौहान, डीएमसी के.एस. नायक, प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी द्वय श्याम चन्द्राकर,मनोज केला, जिले के सभी बीईओ, बीआरसीसी एवं प्राचार्यगण मौजूद रहे।
प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी ने बताया कि योजना के सुचारू और सफल क्रियान्वयन अंतर्गत स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति शत प्रतिशत हो, इसके लिए संस्था प्रमुख स्कूल लगने के उपरांत गूगल शीट के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को उपस्थिति पत्रक भेजेंगे। जिसे उपस्थिति के अनुसार ग्रेडिंग किया जायेगा। उसके उपरांत प्रति सप्ताह स्कूलवार उपस्थिति की समीक्षा की जायेगी। स्कूलों में शनिवार को साप्ताहिक टेस्ट परीक्षा का आयोजन किया जायेगा। जिसका परिक्षा परिणाम के अनुरूप ग्रेडिंग किया जायेगा। इसी तरह विद्यार्थियों से बोर्ड परीक्षा की तरह मासिक परीक्षा का आयोजन किया जायेगा। जिसमें प्रश्न पत्र जिला स्तर से प्रकाशित कराकर सभी स्कूलों में वितरण किया जायेगा और बोर्ड परीक्षा की भांति उनके उत्तर पुस्तिका की जांच अन्य स्कूलों के शिक्षकों के माध्यम से कराया जायेगा। इसके अलावा विद्यार्थियों द्वारा शिक्षक डायरी की तरह स्टूडेंट डायरी भी भरी जायेगी और उन्होंने किस-किस टॉपिक को सीखा, उसका उल्लेख करेंगे। बोर्ड के सभी स्कूलों के लिए जिला स्तर पर पाठ्यक्रम पूर्ण करने के लिए कार्य योजना बनाई जायेगी, जिसे चरणबद्ध तरीके से शिक्षकों को पूर्ण करना होगा। इसके अलावा कक्षा दसवी एवं बारहवी के विद्यार्थियों का इट्रेंस एक्जाम लिया जायेगा, जिसमें टॉप 50 प्रतिभावान विद्यार्थियों को जिला स्तर पर आवासीय विद्यालय संचालित कर उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ विषय विशेषज्ञ शिक्षकों अथवा उच्च प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा इन विद्यार्थियों को विशेष कोचिंग दिलाया जायेगा। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को नीट, जेईईई सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रवेश के लिए तैयारी कराया जायेगा।