नई दिल्ली।अगर आप भी ड्राइवर लाइसेंस (DL) बनवाने के लिए आरटीओ ऑफिस के चक्कर लगाकर थक चुके हैं तो यह खबर आपके लिए राहत भरी हो सकती है. क्योंकि 1 जून के बाद किसी को भी डीएल बनवाने के लिए परिवहन कार्यालय जाने की जरूरत ही नहीं होगी.
ड्राइविंग स्कूल से ही आपको ड्राइवर लाइसेंस मिल जाएगा. नए ड्राइविंग रूल 1 जून 2024 से लागू कर दिए जाएंगे. मोटर व्हीकल एक्ट में ओर भी कई अन्य नियमों में बदलाव किया गया है. जिनसे आम जनता को काफी फायदा होने वाला है. आइये जानते हैं 1 जून से ड्राइविंग संबंधी किन नियमों में बदलाव किया गया है.
ये हुए अहम बदलाव
1 जून से ड्राइवर लाइसेंस बनवाने के लिए संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) में टेस्ट देने जाने की जरूरत नहीं होगी. लाइसेंस बनवाने वाले इच्छुक लोग अपनी पसंद के निकटतम ड्राइविंग स्कूल में टेस्ट दे सकेंगे. सरकार 1 जून से प्राइवेट ड्राइविंग स्कूल वालों को प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधिकृत करने जा रही है. जिसके आधार पर आप आगे की कार्रवाई पूरी कर सकते हैं. सरकार का मानना है कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि इससे प्राइवेट स्कूलों से लोग पैसे देकर भी प्रमाणपत्र हांसिल कर सकते हैं. नए सिस्टम से प्राइवेट स्कूल वालों की चांदी हो जाएगी.
इन नियमों के उलंघन पर बढ़ा जुर्माना
यही नहीं 1 जून से वैध लाइसेंस के बिना वाहन चलाने पर अब 2000 रुपए चुकाने होंगे. साथ ही यदि कोई नाबालिग वाहन चलाता पाया गया तो उसके माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही 25000 रुपए का जुर्माना भरना होगा. यही नहीं गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाएगा. नया डीएल बनवाने के लिए आवेदक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट-https://parivahan.gov.in/ पर जाकर अपना आवेदन ऑनलाइन जमा कर सकते हैं. हालांकि, वे मैन्युअल प्रक्रिया के माध्यम से आवेदन दाखिल करने के लिए अपने संबंधित आरटीओ में भी जा सकते हैं.
ड्राइविंग स्कूल के लिए ये मानक करने होंगे पूरे
निजी ड्राइविंग स्कूल खोलने के लिए संबंधित आवेदक के पास न्यूनतम 1 एकड़ भूमि का होना जरूरी है. साथ ही यदि वह चार पहिया वाहन का भी स्कूल खोलना चाहता है तो यह जमीन दोगुनी यानि 2 एकड़ होना अनिवार्य है. यही नहीं प्रशिक्षकों के पास हाई स्कूल डिप्लोमा (या समकक्ष), कम से कम 5 साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए और बायोमेट्रिक्स और आईटी सिस्टम से परिचित होना चाहिए. परीशिक्षण अवधि की बात करें तो हल्के मोटर वाहन (एलएमवी): 4 सप्ताह में 29 घंटे, 8 घंटे थ्योरी और 21 घंटे प्रैक्टिकल के होंगे. साथ ही भारी मोटर वाहन (एचएमवी): 6 सप्ताह में 38 घंटे, 8 घंटे थ्योरी और 31 घंटे प्रैक्टिकल में विभाजित किया गया है.