Sunday, June 8, 2025

        एनटीपीसी प्रबंधन के ऊपर लगा आरोप,ठेकेदार के साथ मिली भगत कर श्रमिकों का करते हैं शोषण ..आंदोलन पर बैठे श्रमिक

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          कोरबा।जिले के दर्री थाना क्षेत्र अंतर्गत के सी जैन मार्ग पर आज गुरुवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में ठेका श्रमिकों ने मार्ग जाम कर हड़ताल कर दिया। उनका आरोप था कि ठेका कंपनी द्वारा उन्हें एच पी सी (स्किल बेसिक दर)पर पेमेंट भुगतान बैंक अकाउंट में करने के पश्चात ठेकेदार द्वारा बहुत ही चालाकी से दबाव पूर्वक आधा पेमेंट खाते से निकाल कर नगद वापस मांग ली जाती है, ऐसा नहीं करने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।इसी के तहत पिछले महीने लगभग 200 से 250 ठेका श्रमिकों को काम से निकाल दिया गया। आज 1 फरवरी को उन्हे गेट पास जारी नही होने की सूरत में यह हड़ताल करना पड़ा,जिनके समर्थन में सैकड़ों श्रमिक काम बंद कर एनटीपीसी संयंत्र के साथ साथ एडीएम बिल्डिंग की ओर जाने वाले के सी जैन मार्ग को जाम कर हड़ताल कर दिया।

          काम से निकाले गए श्रमिकों ने बताया एन टी पी सी प्लांट में पहलवान कंस्ट्रक्शन द्वारा ठेका कार्य लिया गया है जिसमें सैकड़ों मजदूर कार्यरत है।उनका आरोप है कि जिन श्रमिकों ने ठेकेदार को रुपए वापस नहीं करते उन्हें काम से बाहर निकाल देते हैं। इसमें एन टी पी सी प्रबंधन के अधिकारी ठेकेदार के साथ मिल कर हम श्रमिकों का शोषण कर रहे है। इधर आंदोलन की सूचना मिलने ही एनटीपीसी प्रबंधन के हाथपाव फूल गए।और आनन फानन में एनटीपीसी प्रबंधन के अधिकारियों और आंदोलनकारियों के मध्य एडीएम बिल्डिंग में बैठक हुई।

          ठेका श्रमिकों के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना दर्री खड़ के अध्यक्ष नवल साहू ने बताया कि एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा आश्वाशन दिया गया की चार दिवस के भीतर सभी मजदूरों को वापस काम पर लिया जाएगा वहीं ठेकेदार द्वारा श्रमिकों के पारिश्रमिक का रुपए वापस मांगने को लेकर आगे चर्चा की जाएगी।बैठक के बाद आंदोलन समाप्त हो गया है और श्रमिक लौट गए है।

          बता दें कि एनटीपीसी के जनसंपर्क अधिकारी सुश्री उष्मा घोष से प्रबंधन का पक्ष जानने संपर्क किया तो उन्होंने कॉल ही रिसीव नहीं किया।एनटीपीसी प्रबंधन में पहली बार ऐसा हो रहा की प्रबंधन की किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए जनसंपर्क अधिकारी से दूरभाष से संपर्क करो तो कॉल रिसीव नही करतीं हैं और उनके ऑफिस जाओ तो मीटिंग है कह कर चली जाती हैं।ऐसे में एनटीपीसी का पक्ष कौन बताएगा ये तो प्रबंधन ही जानेगा।

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