Sunday, April 20, 2025

        खिलाड़ी के साथ खेला, जीतकर भी हार गया स्टेट चैंपियन

        Must read

          कोरबा। स्टेट टूर्नामेंट जीतने वाले जिले के ताइक्वांडो खिलाड़ी अंकित को दस्तावेजों की खानापूर्ति के फेर में फंसाकर उसे उसके हक से वंचित कर दिया गया। उसने एम एल महाविद्यालय सीपत की मेजबानी में बहतराई स्टेडियम में आयोजित इंटर कालेज स्टेट टूर्नामेंट में जीत हासिल कर अगले पड़ाव के लिए क्वालीफाई किया। पर मेजबान कॉलेज के प्राचार्य एवम् खेल अधिकारी संतोष बाजपाई की मिलीभगत से उसके साथ खेला कर दिया। गेम में पॉलिटिक्स कर उसे जीतकर भी हारने को विवश कर दिया गया है।

          जिले का होनहार खिलाड़ी अंकित प्रजापति ढेलवाडीह स्थित एके गुरुकुल रानी लक्ष्मी बाई कॉलेज का छात्र है। उसने 80 किलोग्राम आयु वर्ग से ताइक्वांडो में 5 दिसंबर को जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए सीपत स्थित एमएल महाविद्यालय एनटीपीसी में आयोजित प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय की इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अंकित ने जीत हासिल किया और जोनल लेबल लेवल के लिए क्वालीफाई भी किया । इस बीच उसके दस्तावेजों में कमी बताते हुए उसे अगले चरण में हिस्सा लेने में अड़चन बताई गई। इस कमी को पूरा करने अंकित अपने ढेलवाडीह कॉलेज आया और मांगे गए दस्तावेजों की औपचारिकता पूर्ण कर पुनः विश्वविद्यालय के सबंधित विभागाध्यक्ष प्रमोद सर से भेंट की और अपने प्रमाण पत्र सबमिट कर दिया। उन्होंने प्रक्रिया आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया पर एक बार उसे निराश किया गया। सीपत महाविद्यालय के खेल अधिकारी बाजपाई ने यह कहते हुए उसे अगले चरण में शामिल करने से इंकार कर दिया कि दस्तावेज प्रस्तुत करने में देरी हुई और उन्होंने फायनल लिस्ट भेज दी है। इस तरह से अपनी मेहनत के बल पर खेल करियर में कुछ मुकाम हासिल कर रहे प्रतिभावान खिलाड़ी को स्पोर्ट्स में पॉलिटिक्स का शिकार बनाते हुए हतोत्साहित किया जा रहा है, जो उचित नहीं।


          पहले बोले देर हो गई, संघ से कह दिया हार गया, उधर असफल खिलाड़ी को लिस्ट में जगह

          इसके बाद यह समस्या अंकित ने ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया के ज्वाइंट सेक्रेटरी और छत्तीसगढ़ ताइक्वांडो संघ के महासचिव अनिल द्विवेदी से साझा की। जब श्री द्विवेदी ने विश्वविद्यालय के खेल अधिकारी से चर्चा की, तो उनका कहना था कि अंकित उस स्पर्धा में हार गया था। इस तरह विश्वविद्यालय के एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा गलती को सुधारने की बजाय अलग अलग बातें कर गुमराह भी किया जा रहा है। इतना ही नहीं, अगले चरण की प्रतियोगिता में भी सीपत में हारे हुए खिलाड़ी को जगह दी गई है, जो अंकित के साथ हुए अन्याय को जाहिर करता है।

                More articles

                - Advertisement -

                    Latest article