बाबी मंडल की टीम ने फिल्मी और भक्ति गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को रोमांचित किया
राजिम। राजिम कुंभ कल्प के सातवें दिन मुख्यमंच पर भाठापारा की पंडवानी गायिका पुष्पा निषाद ने कापालिक शैली में दुर्योधन और द्रोपती के संवाद को प्रस्तुत किया। पुष्पा निषाद पंडवानी में चली आ रही परंपराओ को संजोते हुए मंच पर प्रस्तुत किया। अगली कड़ी में रायपुर के राजू महाराज की टीम द्वारा भजन जगराता के माध्यम से राम आएंगे-आएंगे राम आएंगे…… राधा रमण हरे-हरे….. गीतों की प्रस्तुति देकर वातावरण को भक्तिमय माहौल बना दिया। बाबी मंडल की टीम ने फिल्मी और भक्ति गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। मेरे रोम-रोम में बसने वाले राम…. सोलह बरस की बाली उमर…. इक प्यार का नगमा है…. ओ गंगा मैया जैसी अनेक सदाबहार गीत की प्रस्तुति ने दर्शकों का दिल जीत लिया। मुंगेली जिले से पहुंच मधुकर साहू और दुर्गा रानी की टीम ने छत्तीसगढ़ी गीत की शानदार प्रस्तुति दी।





छत्तीसगढ़ के माटी……..मोर मयारू मैना तक धिना-धिन बाजे मांदर जैसे कर्मा गीतों ने दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। मंच पर सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय के प्रोफेसर नैना पहाड़िया के निर्देशन पर बीएड के छात्र-छात्राओं ने लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम समाप्ति के बाद कलाकारों का सम्मान जनप्रतिनिधि, पत्रकार, अधिकारियों, वरिष्ठजनों ने पुष्प गुच्छ भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन निरंजन साहू, दुर्गेश साहू द्वारा किया गया।






