कोरबा । निगम के निकटतम रेत खदान कुदुरमाल की स्वीकृत मिलने के बाद भी रेत खदान में बिना रॉयल्टी के अवैध खनन और परिवहन ट्रैक्टर के माध्यम से जारी है।
जब मीडिया के लोग वहां जा कर वास्तविकता जाना तो नजारा ही कुछ और था। दरअसल रॉयल्टी पर्ची काटने वाले मौके से नदारद मिले लेकिन ग्राम पंचायत कुदुरमाल के पूर्व सरपंच पति हनुमान वहां मौजूद थे।उनसे जब मीडिया कर्मियों ने रॉयल्टी के बारे पूछा तो उन्होंने बताया कि रॉयल्टी पर्ची सुबह 9 बजे तक खत्म हो गया है और रेत खदान को बंद कर दिया गया है लेकिन ट्रैक्टर मालिक अपनी मनमानी करके रेत खदान में ट्रैक्टर घुसा कर अवैध खनन कर परिवहन कर रहे है।
रेत खदान में रॉयल्टी के नाम से वसूल रहे अधिक राशि
मिली जानकारी के अनुसार रेत की रॉयल्टी पर्ची के नाम पर 600 रुपए लिए जा रहे है और लोडिंग का अतिरिक्त शुल्क 250 से 300 लिया जा रहा है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की प्रति ट्रैक्टर 900 में रॉयल्टी मिलने से रेत कितनी महंगीं हो सकती है।
रेत की रॉयल्टी किसे कितनी देनी है खनिज इंस्पेक्टर रामखिलावन के द्वारा दी गई जानकारी
सुबह 11 : 00 बजे के करीब खनिज इंस्पेक्टर को फोन कर जानकारी मांगी गई की रॉयल्टी कितनी लेनी है इस पर खनिज इंस्पेक्टर खिलावन कुलार्य के द्वारा बताया गया की रॉयल्टी 50 रुपए, डीएमएफ 10% रॉयल्टी का, पर्यावरण 11.25% रॉयल्टी का, अधोसंरचना 11.25% रॉयल्टी का, लोडिंग 100 रुपए प्रति घन मीटर लिया जाना है इस प्रकार एक घन मीटर का 166.25 रुपए और एक ट्रैक्टर का 3 घन मीटर का 498.75 रुपए लिया जाना बताया गया।लेकिन इसके बाद कुदुरमाल रेत घाट पहुंच कर दुबारा खनिज विभाग के अधिकारियों को फोन करने पर उनके द्वारा फोन नही उठाया गया।खनिज अधिकारी प्रमोद नायक और खनिज निरीक्षक खिलावन कुलार्य को फोन करने पर फोन नही उठाना संदेहास्पद है।
शासन के निर्देश के मुताबिक तो रेत खदान का संचालन ग्राम पंचायत के द्वारा किया जाना है लेकिन बताया गया की यहां किसी महाराज के द्वारा पूरा संचालन किया जा रहा है।इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की रॉयल्टी में भ्रष्टाचार कर ग्राम पंचायत को कितना आर्थिक हानि पहुंचाया जा रहा है।
खनिज अधिकारी प्रमोद नायक और खनिज निरीक्षक खिलावन कुलार्य के द्वारा फोन नहीं उठाने से हमने प्रशासन का पक्ष जानने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि खनिज विभाग को निर्देश देकर बिना रॉयल्टी के अवैध रेत खनन और परिवहन पर कार्यवाही करने हेतु आदेशित किया गया है।अब देखने वाली बात ये होगा की खनिज विभाग के अधिकारी कलेक्टर का निर्देश को कितनी गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही करती है।