कनकेश्वरधाम में उमड़ी श्रद्धालुओं भीड़
कोरबा।कनकेश्वरधाम कनकी में सातवें सोमवार पर बम-बम भोले के जयकारों के साथ प्रातः काल से ही श्रद्धालु पूजा- अर्चना में लीन रहे। वहीं नागपंचमी होने के कारण लोगों में सर्प पूजा की होड़ रही। दिन भर जलाभिषेक एवं दुग्धाभिषेक का दौर कनकेश्वर महादेव मंदिर में चलता रहा। ग्राम कनकी के शिव मंदिर में दर्शन पूजन के चाक-चौबंद व्यवस्था बनाने में युवा संगठन कनकेश्वर सेवा समिति के सदस्य डंटे रहे।
श्रावण मास के सातवें सोमवार को कनकेश्वरधाम मंदिर में भक्तों को सैलाब उमड़ा पड़ा था। कोरबा जिले के ग्राम कनकी में भोर पहर से ही शिव मंदिर में बोल बम की गूंज चारों ओर गूंजती रही। सातवा सोमवार का दिन नागपंचमी होने से पूजा का विशेष योग बना और भक्तों ने भगवान शंकर के साथ सर्प पूजन का आशीर्वाद मांगा। श्रावण मास में मंदिर में देर शाम भक्तों की पूजा अर्चना का दौर जारी रहा। सावन के दिनों में हर सोमवार को शिवालयों में भगवान शंकर की पूजा और दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। इस सोमवार भी भक्तों की भीड़ से सड़क जाम रहा। श्रद्धालु कतारबद्ध होकर हर हर महादेव के जयकारे लगाते रहे। श्रावण मास के अन्य सोमवार की भांति सातवें सोमवार को भी श्रद्धालुओं की भीड़ कनकेश्वरधाम मंदिर में देखने को मिली। जिले के पौराणिक और प्राचीन कनकेश्वर मंदिर में भोर पहर से ही शिवभक्त दर्शन पूजन एवं जलाभिषेक करने के लिए उत्साहित दिखे। युवा संगठन द्वारा मंदिर में भक्तों के दर्शन के लिए विशेष बंदोबस्त किए गए थे। खास बात यह रही कि सातवां सोमवार और नागपंचमी के साथ बने संयोग को लेकर मंदिरों में भी विशेष इंतजाम किए गए थे। भक्तों को दुग्धाभिषेक करते हुए परिवार की खुशहाली की कामना करते देखा गया। कनकेश्वरधाम में भोर के समय मुख्य पुजारियों द्वारा भगवान शंकर का श्रृंगार पूजन कर भक्तों के दर्शन के लिए पट खोल दिए गए। भक्तों ने दुग्धाभिषेक, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक कर भगवान शंकर की पूजा अर्चना की। कनकेश्वर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा एवं सभी अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।
इस सोमवार नागपंचमी होने से मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। जैसे ही सूर्योदय हुआ लगभग 10 के बाद भीड़ इतना बढ़ता गया कि ट्रैफिक की स्थिति बन गयी जैसे तैसे युवा संगठन के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाल लिया वहीं मंदिर में नाग पंचमी के चलते सर्प श्रृंगार आदि भी किया गया था।
श्रावण मास के सातवें सोमवार को देखते हुए मंदिर में प्रबंधन समिति द्वारा रविवार को ही पुख्ता बंदोबस्त कर लिए गए थे। सीसीटीवी कैमरों से भी आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है। पुलिसकर्मी भी मंदिर में संदिग्धों पर निगरानी के लिए लगे हुए थे। कांवर यात्रा में शामिल कांवड़ियों के लिए चाक-चौबंद व्यवस्थाएं भी की गई थी। भक्तों को दर्शन पूजन में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए मंदिर में बैरीकेटिंग की गई थी। कनकेश्वर मंदिर के पुजारी ने बताया कि पहली बार श्रावण मास में अधिक मास होने के चलते आठ सावन के सोमवार का विशेष योग बना है। इसमें भगवान शंकर के शिवलिंग पर दूध, शहद, दही, तिल, गंगा जल, बेलपत्र, धतूरा, कमल का फूल, चंदन आदि से पूजन का व्यक्ति के जीवन में विशेष लाभ मिलता है। सावन के सातवें सोमवार को नागपंचमी का योग बनना भी भगवान शंकर की महिमा का अंश है। आज के दिन सर्प पूजन के साथ भगवान शंकर की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से भक्त की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं। गंगा स्नान कर जो लोग भगवान का जलाभिषेक या दुग्धाभिषेक करते हैं, उनकी भी सभी कामनाएं भगवान शिव पूर्ण करते हैं।