Thursday, December 19, 2024

        जेठ ने आयोग के समक्ष बहू से कान पकड़कर माफी मांगी

        Must read

        ढीमर समाज ने आवेदिका को सामाजिक बहिष्कार समाप्त करने सार्वजनिक घोषणा‌ किया

        डीजीपी छ.ग. शासन महिला आवेदिकाओं के प्रकरण पर त्वरित कार्यवाही एवं गोपनीयता भंग न होने निर्देश समस्त पुलिस प्रशासन को दिये जाये – डॉ किरणमयी नायक

        दुर्ग 19 दिसंबर 2024। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्यगण श्रीमती ओजस्वी मण्डावी, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा और दीपिका सोरी ने आज कार्यालय जिला कार्यकम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रेरणा सभा कक्ष जिला दुर्ग में महिला उत्तपीडन से संबंधिति प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तरीय 299 वीं सुनवाई हुई। दुर्ग में 11 वीं सुनवाई। दुर्ग में आज जनसुनवाई में कुल 32 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे। 08 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गये।

        आज की सुनवाई में एक प्रकरण में आवेदिका द्वारा बताया गया कि उसने 2 वर्ष 6 माह पहले आवेदन दिया। जिसमें प्रधान आरक्षक ने कार्यवाही कुछ नही किया और आवेदन शिकायत के घर पर भेज दिया गोपनीयता भंग किया सीएसपी ने प्रधान आरक्षक को समझाईश देकर प्रकरण का निराकरण करा दिया था। वर्तमान में अनावेदक रिटायर हो चुका है अतः अब आवेदिका कार्यवाही नही चाहती है उसका यह निवेदन है कि आयोग के द्वारा समस्त पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया जाये कि आवेदन का त्वरित कार्यवाही करें और गोपनीयता भंग न करें।

        इस पर आयोग के द्वारा डीजीपी छ.ग. शासन को एक पत्र भेजा जायेगा कि महिला आवेदकों के मामले में त्वरित कार्यवाही और उनके आवेदनों की गोपनीयता पुलिस गोपनीय रखे। प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

        उभयपक्ष उपस्थित अनावेदन की ओर से अधिवक्ता सुरेश शुक्ला उपस्थित हुये, उनके द्वारा जानकारी दिया गया कि आवेदन उड़ीसा में उन्हे आने के लिये समय दिया जाये आवेदिका ने बताया कि उन्होने उड़ीसा के दिवाली न्यायालय में मामला प्रस्तुत कर दिया है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

        उभय पक्ष उपस्थित सभी एक ही परिवार के सदस्य है अनावेदकगण के द्वारा आवेदिका से अशलील गाली गलौच किया गया था जिसको लेंकर थाना उतई में उभय पा का समझौता हो चुका था जिसके बाद से सभी अनावेदनकगण उस संयुक्त परिवार से अलग रहने चले गये थे इसकी पुष्टि अनावेदक कमांक 3 ने किया जो कि घर का बुर्जुग है और वर्तमान में अनावेदक के साथ रहता है।आवेदिका के पास अनावेदक के द्वारा दिये गये गाली का आडियो रिकार्डिंग सदस्यों ने सुना बहुत आपत्तिजनक था जिस पर आनावेदक क 1 को समझाईया दिया गया जिस पर उसके द्वारा आवेदक से कान पकड़कर माफी मांगा है। और भविष्य में ऐसा दुर्व्यवहार नही करने की बात भी कही है इसके आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

        आवेदक व उभय पक्ष आपस में पति-पत्नि है जिनका मामला कुटुम्ब न्यायालय में चल रहा है लेकिन ढीमर समाज दुर्ग के अध्यक्ष दासु ढीमर, राजकुमार ढीमर, दीपक कुमार ढीमर, भुपेन्द्र कुमार ढीमर, पुरूषोत्तम ढीमर उपस्थित है। उन्होने ने बताया कि उनके द्वारा आवेदिका का सामाजिक बहिष्कार नही किया गया है और व समाज में आने जाने के निये स्वतंत्र है तथा इसकी घोषण भी समस्त समाज जनो ने किया जिसके आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

        विस्तार से सुने जाने पर यह स्पष्ट हुआ कि उसकी मुख्य शिकायत यह कि उसके पति को अनावेदन द्वारा परेशान किया गया ।

        तथ्यों और दस्तावेजो के देखने पर यह स्पष्ट है कि आवेदिका के खिलाफ एकल कार्यवाही करने के कोई साक्ष्य और दस्तावेज प्रस्तुत नही किया गया है। और विभागीय कार्यवाही के लिये तथा पति को बचाने के लिये आयोग में शिकायत किया गया है अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

        उभय पक्ष उपस्थित अनावेद कमांक 1 अनावेदक कमांक 2 राजकुमार देशमुख सहा. उप. निरी. थाना उतई जो वर्तमान में जामगांव जिलाह दुर्ग में पदस्थ है। उनके द्वारा पेशी में उपस्थित नहीं हो पाने का आवेदन दिया है। प्रकरण काफी गंभीर है अनावेदिका के पति अनावेदक के पास है जो डॉक्टर था जहाँ उसने अनावेदक कमांक 1 को 400 रू. ऑनलाईन पे किया गया है। अनावेदक की मृत्यु हो गई है आधे घंटे के बाद आवेदिका की पति का मृत्यु हो गया। लेकिन उसे जिला अस्पताल भेजा गया था। जहां की उसकी मृत्यु की घोषणा हुई। इस पूरे मामले में आवेदिका उसके ससुर का पुलिस बयान बदलने में अनावेदक कमांक-2 की संलिप्पतता की ओर आवेदिका पक्ष ने ध्यान आकृष्ट कराया है।अनावेदक कमांक 1 को चिकित्सीय डिग्री और लाइसेंस व अन्य संबंधित प्रमाण पत्र लेकर आयोग में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया तथा अनावेदक कमांक 2 को भी आवश्यक रूप से समस्त जांच प्रकिया की प्रति लेकर आवश्यक रूप से उपस्थित हाने की सूचना एस.पी. दुर्ग के माध्यम से भेजी जाए। ताकि आगामी पेशी में प्रकरण का निराकरण पर कार्यवाही हो सकें।

        आवेदिका अपने प्रकरण की शीघ्र कार्यवाही के लिए प्रकरण की सुनवाई रायपुर में कराना चाहती है। अतः प्रकरण की सुनवाई दिनांक 17.01.2025 को रखा जाता है।

        उभय पक्ष उपस्थित। आवेदक कमांक 1 आवदेक 5 आवेदक 2, 3 4 अनुपस्थित। आवेदक के माता-पिता भी उपस्थित आगामी सुनवाई में आवेदिका 2, 3 थाना-मोहननगर के माध्यम से एक महिला इंस्पेक्टर के साथ आयोग में सुनिश्चित कराई जाये। तथा अनावेदक कमांक 4 पूनम वर्मा जो कोरबा में निवास करती है। कोरबा एस.पी. के माध्यम से आगामी सुनवाई में उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाये।

        आवे. ने बताया कि आवेदक क्रमांक 1 उसका जो पति है अनावेदिका कमांक 2 भूमिका श्याम कुवर के साथ आवेद रिश्ते में है तथा अनावेदिका कमांक 2 और 1 मिलकर आवेदिका को घर से निकलवा चुके है। घर से अपने मायके में और अनावेदक 1 ने उसे सार्वजनिक रूप से परिवार के समक्ष अभद्र तरीके से लज्जित करते हुए अपमानित किया गया तथा उसे तलाक अनावेदक कमांक 1 जिला कलेक्टर एनआईसी में कार्यरत संविदा पर कार्यरत जहां उन्हें 25000 रू. वेतन मिलता है और 10 माह से आवेदिका को घर से निकाल दिया है और भरण पोषण नहीं दे रहा है।

        आवेदिका पूर्व में कार्यरत थी अनावेदक कमांक 1 और 4 की मां तथा अनावेदक कमांक 5 की बीमारी के दौरान नौकरी छोड़कर घर की जिम्मेदारी पूरा करें।
        वर्तमान में अनावेदक 1 ने अवैध रिश्तों के कारण मानसिक तनाव के असहाय अवस्था में माता-पिता आगामी सुनवाई 16.01.2025 को रायपुर में किया जायेगा।

        इस प्रकरण में आज आवे. और अना. का सुबह नामा कराने का प्रयास कराने वाले ध्रुव कुमार सोनी धारनी घसिया समाज के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष है उपस्थित हुए उन्होंने बताया कि उनका समझौता कराने के लिए दिनांक 17.07.2022 को बैठक रखी थी आवे. एवं बच्चों का साथ रखने से इन्कार कर दिया था यह जानकारी एवं दस्तावेज उन्होंने दिया था।

        अना. ने बताया कि आवे. और उसके माध्यम दिनांक 18.08.2020 को एक लिखित इकरारनामा बना था जिसमें उसका वापस कर दिया था इसके बाद वह फिर सासथ्र रहने आई थी। कुछ दिन रहने के बाद फिर मायके चली जाती थी उसके पिता का काफी हस्ताक्षेप था। 2021 में गई उसके बाद से अब तक वापस नहीं आई है आवे. के पिता उसे मारवाने के लिए लोगों को बोलते थे इस कारण वह आवे. और बच्चें को रखने से मना किया था।आयोग के द्वारा समझाईस दिये जाने पर अना. ने यह स्वीकार किया कि उसने आवे. से तलाक लिए बगैर दूसरी महिला से बेटा पैदा कर लिया है जो 15 दिन का इस लिए आवे. के साथ अपने रिश्ते जारी नही कर पायेगा अपने 2 वर्ष 06 का माह के पूरे परवरिश के एक मुश्त 5 लाख देने के लिए तैयार है जिस पर आवे. भी सहमत है।

        आवेदिका से अपनी आपसी सहमति से तलाक लेने के एवज में 5 लाख रूपये की मांग किया है जिस पर अनावेदक विचार करने के लिए समय की मांग कर रहा है यदि अना. इनकार करता है तब आवे. उसके खिलाफ बिना तलाक के दूसरे विवाह और बच्चें पैदा करने के लिए मामले को लेकर अना. के खिलाफ मामला दर्ज करने का अधिकार सुरक्षित रखती है।

              More articles

              - Advertisement -

                    Latest article