स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के दिये निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी समन्वय स्थापित कर स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करें – कलेक्टर
स्वास्थ्य सुविधाओं में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी- कलेक्टर श्री अग्रवाल
गरियाबंद 17 मई 2024/ कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा बीएमओ को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग के अधीनस्थ कर्मचारियों, मैदानी स्तर के अमलों के साथ समन्वय स्थापित कर जिले में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित सभी विकासखंड के बीएमओ, संबंधित नोडल अधिकारी, बीपीएम, मितानीन प्रभारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित सभी योजनाओं की कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए योजनाओं के संचालन में प्रगति लाने हेतु आवश्यक कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि आम लोगों के लिए स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा सेवा अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो, इसका पालन सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने स्वास्थ्य केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं का नियमित पंजीकरण, मातृत्व सुरक्षा अभियान अन्तर्गत नियमित जांच एवं आवश्यक परामर्श प्रदान करने के साथ ही संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, बाल पोषण सहित अन्य योजनाओं में लक्ष्यानुसार प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। सभी मरीजों को अस्पताल के व्यवस्था अनुरूप चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराये।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव पर जोर देते हुए कहा कि प्रसव के दौरान महिला और शिशु की सुरक्षा के लिए ही जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराने की योजना चलाई जा रही है। उन्होंने गर्भवती माताओं का निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत शत प्रतिशत पंजीयन एवं एएनसी जांच कराने, आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड सहित अन्य आवश्यक दवाईयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में कम प्रगति वाले केन्द्रों के जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से पंचायत स्तर पर प्रारम्भ से ही गर्भवती महिला की जानकारी एकत्र कर उन्हें आवश्यक परामर्श प्रदान कर उन्हें जागरूक करने की बात कही। उन्होंने जिले में मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर एवं परिवार नियोजन के संबंध में जानकारी लेते हुए कमी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने नियमित टीकाकरण की जानकारी लेतु हुए बच्चों के सम्पूर्ण टीकाकरण करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे। इसके अलावा सिकल सेल, एनिमिया सहित अन्य बीमारियों का भी जांच कर उपचार करने कहा। साथ ही सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आईएफए, कैल्शियम सहित अन्य आवश्यक दवाइयों का भंडार सुनिश्चित कर उनका हितग्राहियों को वितरित करने के लिए निर्देशित किया। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिरायु की टीम स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्र में पहुंचकर बच्चों का नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कर उपचार करें। आयुष्मान कार्ड पंजीयन में छुटे हुए लोगों का पंजीयन कराये। कलेक्टर ने बैठक में विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों को सभी अस्पतालों में मरीजों के लिए आवश्यक मात्रा में दवाइयां भंडारण करने, अपने क्षेत्र अंतर्गत आने वाले अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करने तथा अस्पताल में उपलब्ध अधोसंरचना का बेहतर से बेहतर उपयोग करने के निर्देश दिये। उन्होंने अस्पताल को नियमित रूप से साफ-सफाई कराने एवं सर्व सुविधायुक्त बनाए रखने की बात कही। ताकि विशेष परिस्थितियों में आने वाले मरीजों को इलाज में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले को उनके निर्धारित मुख्यालय में उपस्थित रहकर लोगों की सेवा करने के निर्देश दिये। साथ ही सभी जिला स्तरीय एवं खण्ड स्तरीय अधिकारियों को अपने क्षेत्र में निगरानी रखते हुए नियमित क्षेत्र भ्रमण करने कहा। जिन क्षेत्रों में बीमारी फैलने की संभावना अधिक रहती है, ऐसे क्षेत्रों पर स्वास्थ्य टीम पहले से पहुंचकर उनके रोकथाम के लिए आवश्यक पहल करें। इस दौरान कलेक्टर ने बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित अन्य सभी योजनाओं की भी समीक्षा कर योजनाओं में प्रगति लाने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया।