कोरबा :- ऐसा लगता है कि लोगों को परेशान करने के लिए 2600 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाले महारत्न कंपनी एनटीपीसी कोरबा के पर्यावरण विभाग ने संकल्प ले रखा है।
दरअसल धनरास गांव में एनटीपीसी ने राखड बांध बना रखा है, जहां पर से उड़ने वाली राख प्रभावित क्षेत्र सहित वायुमंडल को प्रदूषित कर रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि एनटीपीसी प्रबंधन के अड़ियल रवैए के चलते घरों के सामान से लेकर उनके कपड़े और दूसरे चीजें राख के संपर्क में आने से बेकार हो रही है।उनका जीना दुश्वार हो गया है। इसी समस्या से निजात दिलाने एनटीपीसी के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनके समस्या का निराकरण यथाशीघ्र नहीं किया गया तो काम रोको आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
किसान राजेश का कहना की उसके एक एकड़ 40 डिसमिल जमीन में एनटीपीसी के लापरवाही के चलते लगभग 2 वर्षो से खेती नहीं हो पा रही है,राखड से खेत पट चुका है और पानी का रिसाव भी अनवरत जारी है,संबंधित अधिकारी को इस संबंध में जानकारी देने गया तो उन्होंने मुझसे बात करने से ही मना कर दिए।
अधिकारियों ने पत्रकारों का सवाल का जवाब देना उचित नहीं समझा
इस दौरान व्हाइट हाउस प्रदर्शन स्थल पर मौजूद अधिकारीयों से पत्रकारों ने समस्या का निराकरण जानने की कोशिश की लेकिन अधिकारी कुछ भी कहना उचित नहीं समझा।
बता दें कि दिनांक 02 फरवरी 2023 को जिला पंचायत कोरबा अध्यक्ष शिवकला कंवर एवं जनपद उपाध्यक्ष,कटघोरा गोविंद सिंह कंवर के नेतृत्व में ग्राम पंचायत धनरास के ग्रामीणों ने एन.टी.पी.सी. प्रबंधन, कोरबा को दो ज्ञापन दिया जिसमें राख उत्सर्जन की समस्या से संबंधित अपनी विभिन्न माँगो का उल्लेख किया गया है । जिसपर एन.टी.पी.सी प्रबंधन कोरबा के संबंधित अधिकारियों ने उक्त ज्ञापनों के संबंध में ग्रामीणों से वार्ता की और आगामी 07 दिनों के अंदर सकारात्मक पहल करने का लिखित आश्वासन दिया।जिसके उपरांत ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त किया।
अब देखना यह है कि एनटीपीसी अपने लिखित आश्वासन को अमल करती है या फिर ग्रामीणों को जहरीला राख के चादर ओढ़ा कर चुप बैठी रहती है।