Sunday, July 27, 2025

          फांसी के फंदे पर झूल कर महिला ने की आत्महत्या, पुलिस जुटी जांच में

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            कोरबा। जिले के दर्री थाना क्षेत्र अंतर्गत नदियाखर गांव में रविवार सुबह एक हृदयविदारक घटना घटित हुई, जब एक मजदूर महिला शैलबाई यादव (30) ने शनिवार रात को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

            घटना के समय उसका तीन वर्षीय मासूम पुत्र वासु कमरे के भीतर ही बंद था, जो पूरी रात मां के शव के साथ अकेला रोता रहा।

            रोजी-मजदूरी कर पाल रही थी बेटे को : शैलबाई बीते तीन चार वर्षों से नदियाखर गांव में अपने छोटे बेटे के साथ अकेले रह रही थी।

            वह दैनिक मजदूरी कर अपने जीवनयापन और बेटे की परवरिश में लगी थी। उसका पति ग्वाल यादव, कोटेतरा थाना जैजैपुर जिला शक्ति गांव का निवासी है, जो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में मजदूरी के लिए गया हुआ है और कई महीनों से घर नहीं लौटा।

            शनिवार शाम वह रोज़ की तरह काम से लौटकर भोजन बनाई और फिर बेटे वासु को साथ लेकर सोने चली गई।

            खिड़की से झांका तो छलक पड़े आंसू : रविवार सुबह जब घर का दरवाजा नहीं खुला और बच्चे के रोने की आवाज सुनकर पड़ोसियों के लोगों को शक हुआ। जब दरवाजे के छेद से झांककर देखा गया, तो शैलबाई फांसी के फंदे से लटकी हुई नजर आई और मासूम बच्चा कमरे में बंद रोता दिखा।

            पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित निकाला : घटना की सूचना तुरंत दर्री थाना को दी गई। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी ललित चंद्रा, एएसआई सिमसोन मिंज, प्रधान आरक्षक उमाशंकर और आरक्षक सरोज साहू मौके पर पहुंचे।

            पुलिस टीम ने दरवाजा में बने छेद से हाथ डालकर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला और शव को नीचे उतारकर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू की।

            पुलिस ने मृतका के परिजनों को सूचना दी, और साथ ही कोटेतरा गांव के सरपंच से संपर्क कर महिला के पति के बारे में जानकारी ली। तब यह जानकारी मिली कि ग्वाल यादव जम्मू-कश्मीर में मजदूरी के लिए गया है।

            फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। पंचनामा की कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। आत्महत्या के कारणों का अभी खुलासा नहीं हो सका है, लेकिन महिला की पारिवारिक और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।

            गांव में पसरा मातम: इस दुखद घटना से पूरे गांव में मातम पसरा है। ग्रामीणों के अनुसार शैलबाई मेहनती महिला थी, जो हर हाल में अपने बेटे को अच्छे से पाल रही थी।

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