रायगढ़ । पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के दिशा-निर्देशन और डीएसपी उन्नति ठाकुर के मार्गदर्शन में महिला सुरक्षा और जागरूकता को लेकर जिला पुलिस द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार, 24 अप्रैल को महिला थाना रायगढ़ की सहायक उपनिरीक्षक सरस्वती महापात्रे और प्रधान आरक्षक प्रमिला महंत ने आयुष शिक्षा समिति, मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना रायगढ़ में अध्ययनरत विद्यार्थियों के बीच पहुंचकर उन्हें महिला सुरक्षा, आत्मरक्षा और वर्तमान में बढ़ते अपराधों के प्रति जागरूक किया।
कार्यक्रम के दौरान एएसआई सरस्वती महापात्रे ने महिलाओं पर होने वाले अपराधों की विस्तृत जानकारी देते हुए उन्हें पीड़ितों के लिए शासन द्वारा दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि, विधिक सहायता और सहायता प्राप्ति की प्रक्रिया के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा निर्मित ‘अभिव्यक्ति ऐप’ और आपात स्थिति में मदद के लिए डायल 112 जैसे संसाधनों की जानकारी देते हुए बताया कि अब महिलाएं बिना थाने गए भी ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज करा सकती हैं, नये कानून में यह प्रावधान है ।
साइबर अपराधों पर विशेष फोकस करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि पुलिस किसी भी स्थिति में ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कार्रवाई नहीं करती और न ही फोन कॉल पर किसी को गिरफ्तार किया जाता है। उन्होंने ऑनलाइन जॉब, गेमिंग और फेक लिंक के जरिए होने वाले आर्थिक नुकसान से बचने की सलाह दी और विपत्ति के समय बचाव के तरीके बताए और कहा कि युवा खुद भी सतर्क रहें और अपने परिजनों को भी जागरूक करें।
इस जागरूकता कार्यक्रम में संस्था प्रमुख अर्चना लाल, शबाना बेगम, असद सर, सॉफ्ट स्किल ट्रेनर ममता श्रीवास, मास्टर ट्रेनर मीनाक्षी चौहान सहित कुल 78 विद्यार्थी और अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे। संस्था प्रमुख अर्चना लाल ने पुलिस विभाग का कार्यक्रम के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। पुलिस की यह पहल छात्राओं में आत्मविश्वास और सुरक्षा के प्रति सजगता बढ़ाने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित हुई।