जांजगीर-चांपा 29 अप्रैल 2025/ कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने जिले के सभी जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं आम नागरिकों से बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में हर संभव प्रयास करने की अपील की है। बालविवाह एक सामाजिक कुप्रथा है, जिसे कानूनी रूप से भी निषेध किया गया है। प्रायः अक्षय तृतीया में बड़ी संख्या में बाल विवाह होते है जो प्रदेश व समाज के लिए अभिशाप है। बाल विवाह के गंभीर दुष्परिणाम न केवल बच्चों को बल्कि पूरे परिवार व समाज पर पड़ते है। बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का निर्मम उल्लंघन है। बालविवाह से बच्चों के पूर्ण परिपक्व व्यक्ति के रूप में विकसित होने का अधिकार अच्छा स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा पाने और हिंसा व शोषण से बचाव के मूलभूत अधिकारों का हनन होता है। बाल विवाह को पुर्ण रूप से प्रतिबंधित करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम गठित कि गई है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 21 वर्ष से कम आयु के लडके और 18 वर्ष से कम आयु की लडकी के विवाह को प्रतिबंधित करता है। 21 वर्ष से कम आयु का पुरूष यदि 18 वर्ष से कम आयु की किसी बालिका से विवाह करता है तो उसे 02 वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो की 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है। कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता या करता है अथवा उसकी सहायता करता है उसे दण्डित किया जा सकता है, तथा कोई व्यक्ति जो बाल विवाह को बढाव या जानबुझकर उसकी अनुमति देता है बाल विवाह में सम्मिलित होता है तो उसे भी दण्डित किया जा सकता है। बाल विवाह कि जानकारी होने पर महिला एवं बाल विकास विभाग 8963997174, चाईल्ड लाईन 1098, संबंधित परियोजना कार्यालय, पुलिस विभाग 112, व 100 नम्बर पर सूचित किया जा सकता है।
कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने बाल-विवाह मुक्त जांजगीर- चांपा बनाने हेतु जन प्रतिनिधि,स्वयंसेवी संगठन और आमजनों से की अपील
