तेरे अक्स से निकलना जरूरी था
तेरे ख्यालों के दामन का छूटना जरूरी था,
दिल का दिल से रुबरु होना भी जरूरी था।
की तुझसे मिलने के लिए मेरा गुमनाम रहना जरूरी था…
की तेरे अक्स से निकलना जरूरी था….
तुझ से बिछड़ना जरूरी था
की कुछ मेरे अंदर टूटना जरूरी था।
अगर तू न मिलता देर से, तो फिर क्या
मोहब्बत समझना जरूरी था?
मुझे तुझ से तेरा होने के लिए ,
तेरा देर से मिलना जरूरी था
तेरे अक्स से निकलना जरूरी था….
तेरे ख्यालों के दामन का छूटना जरूरी था।
जज्बात…निहालिका की कलम से…
